सौ. फाईल चित्र
रिपोर्ट – रवि जी. निगम
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की आपत्तियों की दलील को खारिज कर दिया, कहा इस दस्तावेज का परिक्षण किया जा सकता है। वहीं अमेठी से राहुल ने मोदी को फिर ललकारा कहा खुला चैलेंज है मुझसे भ्रष्टाचार पर, नोटबन्दी पर, कालाधन पर सामने आकर बहस करें , जनता से आँख नहीं मिला पायेगें मोदी जी । सवाल ये उठता है कि चैनलों पर व्यक्तिगत इन्टरव्यू तो मोदी जी देनें पर गुरेज नहीं करते , पर प्रेसवार्ता क्यों नहीं करते मोदी जी ?
-मानवाधिकार अभिव्यक्ति , आपकी अभिव्यक्ति ।
नई दिल्ली – राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की शुरूवाती आपत्तियों की दलील को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने याचिका के साथ जोड़े गाये दस्तावेजों पर विशेषाधिकार बताया था, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल मामले में रक्षा मंत्रालय से फोटोकॉपी किए गोपनीय दस्तावेजों का परीक्षण करेगा, जिस पर केंद्र ने कहा था कि गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी या चोरी के दस्तावेजों पर कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता, ज्ञात हो कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बैंच ने सर्वसहमति से सुनाया है, साथ ही ये बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि जो दस्तावेज याचिका के साथ दिए गए हैं, वो गलत तरीके से रक्षा मंत्रालय से प्राप्त किये गए हैं, इन दस्तावेजों पर कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता।
याचिकाकर्ता पूर्व बीजेपी नेता अरुण शौरी ने राफेल पुनर्विचार याचिका पर दिये गये निर्णय पर कहा है कि हम दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र सरकार के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के आदेश से काफी खुश हैं।
वहीं आज अमेठी में नामांकन दाखिल करने के पश्चात राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया , और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार मान लिया कि ‘चौकीदार’ ने ही चोरी करवाई है , इस मामले में मुझे बहुत खुशी हुई, मैं कई महिनों से कह रहा था जिसे आज कोर्ट ने मान लिया कि इसमे कुछ गड़बड़ है, आगे जांच में दो नाम भी साफ हो जायेगें कि मोदी जी ने अनिल अंबानी को ३० हजार करोड़ का फायदा पहुँचाया है ।
साथ ही राहुल ने अपनी उस बात को भी दोहराया जिसे वो चैनलों और अपने ट्वीटर हैण्डल से जो कई दिनों से प्रहार करते आ रहे हैं कि मैं नरेन्द्र मोदी जी को चैलेंज करता हूँ कि वो आकर मुझसे भ्रष्टाचार पर, नोटबन्दी पर, कालाधन पर सामने आकर बहस क्यों नहीं करते, वो मुझसे इस पर आकर बहस करें, बहस करने के बाद वो जनता के सामने आँख नहीं मिला सकेगें ।