रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नेता का मेरे साथ व्यवहार इतना अच्छा था कि मैंने समझा कि मैं अपने घर में हूं।
राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत एशिया का एक महत्वपूर्ण देश है और ईरान और भारत के संबंध बहुत पुराने हैं।
विदेश – राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने न्यूयार्क में राष्ट्रसंघ की महासभा के वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट में कहा कि राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को जारी रखकर दोनों देश वैज्ञानिक, शोध और अर्थ व्यवस्था के क्षेत्र में अधिक काम कर सकते हैं।
राष्ट्रपति रूहानी ने अभी हाल ही में बैंकिन्ग के क्षेत्र में पेश आने वाली कुछ समस्याओं के समाधान और ऊर्जा के क्षेत्र में सहकारिता और चाबहार बंदरगाह के पहले भाग में भारत के पूंजी निवेश की सराहना की और कहा कि आज तीनों देश ईरान, भारत और अफ़ग़ानिस्तान इस परियोजना के फायदों से लाभ उठा रहे हैं और क्षेत्र की आगामी पीढ़ी भी इस सहकारिता के परिणामों को देखेगी।
इसी प्रकार राष्ट्रपति रूहानी ने भारत के प्रधानमंत्री से मांग की है कि कश्मीर के बारे में एसी नीति अपनाई जाये जिससे इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
इस मुलाकात में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी हालिया ईरान यात्रा की ओर संकेत किया और ईरान को अपना दूसरा घर बताया और इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से अपनी मुलाकात को बहुत अच्छी और रचनात्मक बताया।
इसी प्रकार भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नेता का मेरे साथ व्यवहार इतना अच्छा था कि मैंने समझा कि मैं अपने घर में हूं।
भारत के प्रधानमंत्री ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा से लाभ उठाये जाने के ईरान के अधिकार का समर्थन किया और स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत केवल राष्ट्रसंघ के प्रतिबंधों को मान्यता देता है और मित्र देश के रूप में ईरान के लिए जो भी कर सकते हैं उसमें संकोच से काम नहीं लेंगे।