रिपोर्ट-विपिन निगम
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली : गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (यूएपीए) संशोधन बिल 2019 बुधवार को लोकसभा में पास हो गया। कांग्रेस के वॉकआउट के बीच लोकसभा ने इस बिल को मंजूरी दे दी। बिल के पक्ष में 288 जबकि विपक्ष में आठ वोट पड़े। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का सिलसिलेवार जवाब भी दिया।
बिल पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखा। गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है, कौन-सी पार्टी उस समय सत्ता में हैं उससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। विपक्ष को मुद्दे उठाने हैं तो उठाएं, लेकिन ये कह कर नहीं उठाने चाहिए कि ये हम लेकर आए, वो ये लेकर आए।
शाह ने कहा कि व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान पर विपक्ष का कहना है कि इसे करने की जरूरत ही क्या है, तो हमें ध्यान रखना चाहिए कि मसूद अजहर को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया है। जब हम किसी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित करते हैं तो वे मौजूदा संगठन बंद करके दूसरा संगठन खोल लेते हैं। सभी दलों ने एक सवाल उठाया कि व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित नहीं करना चाहिए, ऐसा करने के लिए कानून ही नहीं बल्कि प्रक्रिया पर भी ध्यान दें।
व्यक्ति विशेष को आतंकी घोषित करने के प्रावधान पर उन्होंने कहा कि यूएन में इसके लिए प्रावधान है, अमेरिका में है, पाकिस्तान में है, चीन में है, इजराइल में है, यूरोपियन यूनियन में है, सबने ये किया है।
अमरोहा केस का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि मैं आपको बता दूं कि पुलिस को दोष देना आसान है, 14 लोगों को हिरासत में लिया गया, 4 लोगों को इस वजह से जाने दिया क्योंकि उनके पास जेल में रखने लायक पर्याप्त सबूत नहीं थे। लेकिन उन्हें जमानत दी गई है, अपराध मुक्त नहीं किया गया, जब हम बातों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं तो जनता में गलत संदेश जाता है।
गृहमंत्री ने कहा कि सीआरपीसी के तहत 14 दिनों की रिमांड होती है, इसमें हमने 30 दिनों की कस्टडी का प्रावधान रखा है लेकिन ये प्रावधान हम नहीं लाए चिदंबरम जी लाए थे। उन्होंने कहा कि धारा 25 के प्रावधान को हम लेकर नहीं आए केवल इसका संशोधन हमने किया। संपत्ती कुर्क करने का इसमें प्रावधान में नहीं है, उसके लिए कोर्ट आदेश देगा लेकिन संपत्ति अटैच करने का इस कानून के तहत प्रावधान है।
इससे पहले चर्चा में हिस्सा लेते हुए ओवैसी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी को इसके लिए दोषी मानता हूं। वो यह कानून लाने के लिए असल दोषी हैं। जब वे सत्ता में होते हैं तो भाजपा से बड़े हो जाते हैं और जब सत्ता चली जाती है तो मुसलमानों के भाई बन जाते हैं।