विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ आंदोलन का प्रतीक बन चुके दिल्ली के शाहीन बाग़ में महिलाओं के धरना स्थल पर शुक्रवार को पुलिस ने उस वक़्त तोड़-फोड़ की जब लोग जुमे की नमाज़ पढ़ने के लिए गए हुए थे।
दिल्ली – मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, बड़ी संख्या में पुलिस वाले शुक्रवार को दोपहर में धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर चलाने वाले सिख समुदाय के लोगों को उठाकर ले गई।
सूत्रों का कहना है कि पुलिस लंगर तैयार करने के लिए लगाए गए शामियाने और दूसरी ज़रूरी चीज़ों को भी अपने साथ ले गई।
वहां मौजूद लोगों के विरोध के बावजूद, दिल्ली पुलिस मंच से कई लोगों को उठाकर ले गई है।
पुलिस की इस कार्यवाही से प्रदर्शनकारियों में नाराज़गी पायी जाती है और लोग स्थानीय थाने का घेराव कर रहे हैं।
प्रदर्शनस्थल पर पांच लंगर चलते हैं, जिनके संचालकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और इन्हें किसी ख़ुफ़िया स्थान पर ले गई है। पुलिस ने लंगर के तंबू हटा दिए हैं और सड़कों पर लगी दुकानों को भी हटाने की चेतावनी दी है।
हालांकि पुलिस के जाने के बाद, प्रदर्शनकारियों ने फिर से शामियाना और तंबू लगा लिए हैं और उनका कहना है कि पुलिस और प्रशासन कितना भी अत्याचार कर ले वे अपनी मांगों के पूरा होने तक वहां से नहीं हटेंगे।
साभार पी.टी.