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संपादक की कलम से – ड्रग्स को लेकर जो कार्यवाही चल रही है उसमें कितना दम ? क्या यहीं से खुलेगा सुशांत केस का राज ???(व्यंग/सवाल – पढें जरूर)

-रवि जी. निगम

संपादक – रवि जी. निगम

हत्या एक ! शिकारी अनेेेक ? इससे ये तो ज्ञात होता, बंदेे मेें दम था !! कहते हैं ‘एक अनार और सौ बीमार’ ! देश के हुज़ूरेेेआला जेल अधीक्षक महोदय बैरकों का इंतजामात करके रखें, क्योंकि NCB ने हिंदोस्तान से ड्रग्स का सफाया करने का वीणा उठा रखा है इतना ही नहीं देश भक्त ठेकेदार दूर-दूर तक…. इसकी परछांयी भी देश में नहीं रहने देगा, भले ही देश की जनता के और किसानों के मुद्दे खाक़ छानते रहे ये उसे ताख पर रख, सिर्फ देश भक्ती भाव के साथ अपने कर्तव्यपथ पर डटे रहेंगे, अब तक…. भले ही भारत न पूंछता…. रहा हो लेकिन जब तक…. इन सभी को 1 साल से 10 साल तक की कैद नहीं हो जायेगी तब तक…. भारत चुप नहीं बैठेगा ! देश की सारी जेल सिर्फ नंसेडी, गंजेडी, भंगेडी से ही पटे दिखाई देंगे और अब कोर्टों में सिर्फ यही मुकदमें गूंजेगे, लेकिन दममांरो-दम मंडली तक पहुंचने की हिम्म्त न NCB न ही देश भक्त कैमेरे जुटा पायेंगे….?? क्योंकि वो तो सिर्फ भगवान में लीन होने के लिये इसका इस्तेमाल करते हैं न…..??? इतना ही नही एक पार्टी ऑर्गनाईजर ने अपनेे घर पर पार्टी की ऐसा उसका दावा है, उसे लेकर हंगामा बरपा है !! लेकिन जो डैम के किनारेे रंगरलियां मनाया करता था पार्टीयों में ड्रग्स परोसता था जिसके सबूत भी NCB को उसके फार्म हाऊस से मिले, बोटमैन नेे भी राज खोले हैंं लेेेेेकिन यही नहीं जिनको उसने नंशे का आदी बना दिया वो NCB के रडार पर हैं, भक्तगण उन्हे 1 साल से 10 साल के गुनाह और 2 लाख तक जुर्माने का दोषी तक साबित करने पे अमादा हैं, लेकिन जिसने ये लत लगाई उस पर कोई जिक्र तक करने को तैयार नहीं हैैं आखिर क्यों…??? नशे की जिसे लत लगाई गयी वो गुनहगार या नशे का आदी बनाने वाला…??? तो क्या 15 करोड के पीछे हत्या या पैरलर ड्रग्स सिंडीकेट चलाने के पीछे हत्या….??? या और तीन साल में 53 करोड की इतनी मोटी कमाई के श्रोत की जांच नहींं होनी चाहिये ? क्या इसकी जांच का एंगल ये नहीं होना चाहिये….??? ये आरोप नहीं मात्र सुझाव ही है जांच करना CBI, ED और NCB का काम है, सिध्द करना न्यायालय का क्षेत्र है।

जय हो…!!!

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