देश में बेटियों की अस्मत लुट रही, और ATM में कैश लापता, जनता में मचा है हाहाकार ! देश को देशी दौरे की जरूरत या विदेशी ? “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ ” का नारा देने वाले पीएम साहब वर्ल्ड टूर पर ? बीजेपी का विधायक नारा खोलने में मशगूल, और उनके मंत्री और नेता बलात्कारियों को बचाने में दिखे तत्पर ! बेटियों की अस्मत लुटती रही मंत्री और नेता रहे मौन !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिवसीय विदेश दौरे पर । प्रधानमंत्री इस दौरे में स्वीडन के अलावा यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी भी जाएंगे। इस दौरे से कितना लाभ होगा इसका तो पता नहीं लेकिन इतना अवश्य पता है कि यदि पीएम साहब देश के उन हिस्सों का दौरा कर लेते जहाँ जनता ऐसे जघन्य अपराधों से त्रस्त है पीएम साहब उन राज्यों के हाल जान लेते जहाँ ATM से कैश नदारत है उसका ही कुछ समाधान निकाल देते, लेकिन पीएम सााहब को देश से ज्यादा विदेशी दौरा ज्यादा जरूरी था। चार वर्षो में इन विदेशी दौरे से देश को कितना लाभ हुआ ? सरकार जानें !
देश से ज्यादा विदेशी दौरा क्यों जरूरी ?
सायद ये कुछ लोगों को हज़म कम होगा लेकिन सत्यता यही कहती है। ये आप सभी को पता ही है कि कर्नाटक के चुनाव सिर पर हैं और इन दिनों जो घटनायें घटित हुई हैं उससे बीजेपी और सरकार की काफी किरकिरी हुई है, उससे जो पार्टी और सरकार पर जो डेन्ट लगा है और जो डैमेज हुआ है उस डैमेज को कन्ट्रोल करने के लिये जनता को अपनी तरफ अकर्सित करना बहुत ही जरूरी है ताकि जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्सित किये जा सकने में मदद मिल सके, जबकि इस पर सरकार का ये जवाब होगा कि ये दौरा पूर्व नियोजित था, लेकिन ये भी सत्य है कि ये पूर्व नियोजित ही था, लेकिन ऐसा नियोजन हर चुनाव के पूर्व चार वर्षों के दौरान किया जाता रहा है । जबकि अमेरिका और रूस के बीच जो तनातनी बनी हुई है जिसे देखते हुये विश्लेशक भी तृतीय विश्व युद्ध की संभावना से नकार नही रहे हैं, जिसमें भारत की स्थिति एक तरफ कुआँ और दूसरी तरफ खांई जैसी बनी हुई है, जिसका हल हाल फिलहाल भारत के पास तो अभी तक नहीं ही है, जिसका हल निकालना भी बहुत जरूरी है । लेकिन पीएम साहब ये बखूबी जानते हैं कि कर्नाटक जीतने के लिये ये प्रयोग बहुत जरूरी है। क्योंकि हैदराबाद का देशी दौरा कुछ अच्छा अनुभव नहीं दे सका, वहाँ उन्हें विरोध का ही सामना करना पड़ा। जिसे मीडिया में बाखूबी दिखाया गया था साथ ही देश के भीतर पार्टी व सरकार की छवि भी मीडिया बराबर कवर कर रही है। अतः इसके लिये विदेशी धरती का इस्तेमाल करना अत्यंत ही आवश्यक हो गया है। मोदी जी ऐसा रिश्क कभी नहीं ले सकते की जिसका दुस्परिणाम चुनाव पर पड़े। अब विदेशी धरती से सरकार और खाशकर मोदी जी के प्रसंशकों की प्रशंसा चैनलों पर गूँजती दिखाई देगी, ताकि डैमेज कन्ट्रोल किया जा सके। विदेशी दौरा सरकार और मोदी जी की आवश्यकता है ?