रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
पिछले हफ़्ते सऊदी ऊर्जा मंत्री अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने तेल आयात करने वाले देशों को यह कहकर आश्वस्त करने की कोशिश की थी कि तेल प्रतिष्ठानों पर हमले के कारण बाधित हुए उत्पादन के 50 प्रतिशत भाग को बहाल कर लिया गया है।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि सितम्बर के आख़िर तक सऊदी अरब 1 करोड़ 10 लाख बैरल तेल प्रतिदिन और नवम्बर के आख़िर तक 1 करोड़ 20 लाख बैरल तेल का प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन कर सकेगा।
हालांकि वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक़, यह दावा सही नहीं है, इसलिए किजो उपकरण हमले में नष्ट हुए हैं, उन्हें बदलने में समय लगेगा।
ग़ौरतलब है कि 14 सितम्बर को सऊदी अरब के सबसे बड़े दो तेल प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों में भारी तबाही हुई थी, जिसके बाद सऊदी अरब में प्रतिदिन तेल का उत्पादन आधे से भी कम रह गया था।
यहां यह बात उल्लेखनीय है कि तेल प्रतिष्ठानों पर हमले इतने सटीक थे कि वहां काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों के बावजूद जानी नुक़सान बिल्कुल नहीं हुआ।
इससे पहले ब्लूमबर्ग ने अनुमान लगाया था कि सऊदी अरब ने देश के भीतर 5 करोड़ बैरल तेल और देश के बाहर 8 करोड़ बैरल तेल स्टेर कर रखा है, जिससे वह सामान्य मात्रा में निर्यात जारी रख सकता है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि अगले महीने सामान्य रूप से तेल की आपूर्ति संभव नहीं होगी।
विरोधाभासी रिपोर्टों से अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई हैः पहले सऊदी अरब ने तेल की आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए इराक़ से कहा तेल देने की मांग की थी, लेकिन उसके बाद रियाज़ ने दावा किया कि उसने कभी ऐसी कोई मांग नहीं की। अब सऊदी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि तेल प्रतिष्ठानों की मरम्मत में 10 हफ़्ते लगेंगे। हालांकि उनका यह दावा झूठा है, क्योंकि नुक़सान इतना अधिक और व्यापक है कि मरम्मत में महीनों लग जायेंगे।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक़, सऊदी तेल कंपनी अरामको के ठेकेदारों का कहना है कि उपकरण बनाने वाली और सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों का कहना है, अरामको अगर तेज़ी से डेलिवरी और स्थापना के लिए प्रीमियम दरों का भुगतान करने के लिए भी तैयार होगी तो मरम्मत के काम में महीनों लग जायेंगे, क्योंकि अभी उपकरणों का निर्माण होना बाक़ी है, उसके बाद डेलिवरी की बारी आएगी और फिर स्थापना की, और इसमें एक साल तक का समय लग सकता है।
अरामको ठेकेदारों से उपकरणों की डेलिवरी और उनकी स्थापना की क़ीमत बताने की मांग कर रही है। पिछले कुछ दिनों से कंपनी के अधिकारियों ने इमेरजेंसी सहायता के लिए बेकर ह्यूज्स जैसी कंपनियों पर टेलीफ़ोन, फ़ैक्स और इमेल की बमबारी कर दी है।
एक सऊदी अधिकारी का कहना है कि मरम्मत के काम में करोड़ों डॉलर ख़र्च हो सकते हैं।
हमले के बाद से सऊदी अधिकारी तेल मार्केट को आश्वस्त करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं कि कुछ ही हफ़्तों में मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा और तेल की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी।