रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
सऊदी अरब में सरकारी मीडिया ने यह रिपोर्ट जारी की कि सऊदी नरेश के अंगरक्षक अब्दुल अज़ीज़ अलफ़ुग़म को उसके एक मित्र ने व्यक्तिगत विवाद के कारण मार डाला।
विदेश – अलफ़ुग़म 30 साल से सऊदी नरेश के बाडीगार्ड थे। वह पहले पूर्व नरेश शाह अब्दुल्लाह के बाडीगार्ड रहे और उसके बाद शाह सलमान के बाडीगार्ड बने। अलफ़ुग़म ने किंग ख़ालिद डिफ़ेन्स युनिवर्सिटी में शिक्षा ली और फिर शाही गार्ड फ़ोर्स में कार्यरत हो गए।
सरकारी रिपोर्ट में बताया गया कि गत शनिवार की शाम को जब रायल ब्रिगेड के कमांडर जनरल अब्दुल अज़ीज़ बिन बद्दाह अलफ़ुग़म अपने दोस्त तुर्की बिन अब्दुल अज़ीज़ अस्सब्ती से मिलने जिद्दा के अश्शाती इलाक़े में स्थित उनके आवास पर गए थे तो इस बीच ममदूह बिन मिशअल आले अली नाम का एक व्यक्ति पहुंचा जो दोनों का मित्र था। बिन अली भी शाही गार्ड फ़ोर्स का हिस्सा था। बातचीत में फ़ुग़म और आले अली के बीच विवाद शुरू हुआ और इतना बढ़ गया कि आले अली ने फ़ुग़म को गोली मार दी जिसके नतीजे में फ़ुग़म सहित तीन लोग घायल हो गए। जब पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो आले अली ने पुलिस पर फ़ायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस की फ़ायरिंग में वह मारा गया। ब्रिगेडियर जनरल फ़ुग़म जो आले अली की फ़ायरिंग में घायल हो गए थे अस्पताल पहुंचकर उनकी मौत हो गई।
सऊदी कार्यकर्ता हमज़ा हसन ने इस मौत को पूरी तरह संदिग्ध बताते हुए लिखा कि बिन सलमान के इशारे पर काम करने वाले सऊदी ट्रोल्ज़ ने इस हत्या पर बड़ा शोर मचाया जिससे शुरू में ही शक हो गया कि यह ट्रोल्ज़ किसी चीज़ पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया की यह फ़ौज बिन सलमान के इशारे पर काम करती है।
फ़ुग़म और बिन अली अर्थात मक़तूल और क़ातिल दोनों ही शाही गार्ड फ़ोर्स का हिस्सा थे और पूरे प्रकरण में दोनों की मौत से यह विचार प्रबल रूप से पेश किया जा रहा है कि दोनों हत्याएं भयानक साज़िश के तहत हुई हैं और आने वाले दिनों में इसी प्रकार की अभी और भी घटनाएं हो सकती हैं।
सऊदी कार्यकर्ता हमज़ा हसन ने इस मौत को पूरी तरह संदिग्ध बताते हुए लिखा कि बिन सलमान के इशारे पर काम करने वाले सऊदी ट्रोल्ज़ ने इस हत्या पर बड़ा शोर मचाया जिससे शुरू में ही शक हो गया कि यह ट्रोल्ज़ किसी चीज़ पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया की यह फ़ौज बिन सलमान के इशारे पर काम करती है।
फ़ुग़म और बिन अली अर्थात मक़तूल और क़ातिल दोनों ही शाही गार्ड फ़ोर्स का हिस्सा थे और पूरे प्रकरण में दोनों की मौत से यह विचार प्रबल रूप से पेश किया जा रहा है कि दोनों हत्याएं भयानक साज़िश के तहत हुई हैं और आने वाले दिनों में इसी प्रकार की अभी और भी घटनाएं हो सकती हैं।
सोशल मीडिया पर यह वाक्य बहुत दिखाई दे रहा है कि दुशमन से होशियार रहो लेकिन अपने मालिक से हज़ार गुना ज़्यादा होशियार रहो!