चेन्नई ( तमिलनाडु ) – तमिलनाडु के पूर्व सीएम, लोकनायक, डीएमके प्रमुख एम. करुनानिधि ने लंबी बिमारी के बाद आज सायं 6:10 बजे चेन्नई के कावेरी अस्यताल में अंतिम सांस ली। जिसे राजनीतिक गलियारे में एक बडी़ क्षति के रूप में देखा जा रहा है ।
विगत वर्ष पूर्व इनकी धुर विरोधी नेता जय ललिता का निधन हुआ था जिनका भी जनाधार काफी मजबूत था, इनके निधन के बाद राजनीति का एक अध्याय समाप्त माना जा सकता है, अपनी विरासत को संभालने के लिये बेटे स्टेलिन और बेेटी कनिमोझी जो राजनीति गलियारें में एक चर्चित नाम है को छोड़ कर गये हैं, वैसे इन्होने तीन शादियाँ की थी ।
करुनानिधि राजनीति के वो शूरवीर थे जिन्होंने अपने 61 सालों के राजनीतिक कैरियर में 5 बार मुख्यमंत्री रहे 13 बार विधायक बने और सन् 1957 में पहला चुनाव जीता और अन्त तक अजेय रहे उन्होंने एक भी चुनाव आज तक नहीं हरा ।
वे 14 वर्ष की आयु से राजनीति में जुड़े, वो राजनीति के साथ फिल्मों में लेखक के रूप में जुड़े रहे उन्होंने लगभग 70 फिल्मों की पटकथा लिखी और अभिनय भी किया । साथ ही द्रविड़ों के हितों के लिये संघर्ष करते रहे । अन्ना दुरई को मुख्यमंत्री बनाने में इनका अहम योगदान था। एम जी राम चन्द्रन भी इनके मंत्री मण्डल में रहे, बाद में अलग होकर पार्टी बनाई और एम जी आर मुख्यमंत्री बने ।
जब हिन्दी को राष्ट्र भाषा के रूप में पूरे देश में लागू करने की बात उठी तो दक्षिण भारत में हिन्दी के विरोध में आवज बुलन्द करने में सबसे आगे रहे, और तमिलनाडु में 1967 में सर्व प्रथम गैर काँग्रेसी सरकार स्थापित करने वाले वो पहले व्यक्ति थे ।
कल उनका पार्थव शरीर राजाजी हॉल में अन्तिम दर्शन के लिये रखा जायेगा, उसके बाद उनका अन्तिम संस्कार मरीना बीच में किया जायेगा, राज्य में कल से राजकीय शोक सात दिन तक रहेगा, मरीना बीच में उनका स्मारक बनाया जायेगा ।
देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति उनके निधन पर दुख व्यक्त किया, साथ कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि देश ने महान बेटा खो दिया, ममता बनर्जी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी गहरा दुख व्यक्त किया ।
कल प्रधानमंत्री मोदी के अलावा काँग्रेस अध्यक्ष रहुल गाँधी के साथ – साथ ममता बनर्जी, अरविन्द केजरीवाल भी चेन्नई जायेंगे , उनके अन्तिम दर्शन व अन्तिम संस्कार में देश के दिग्गज नेताओं को भी देखा जा सकेगा, उनके समर्थक भी कल भारी मात्रा में एकत्र होंगे अपने नेता की अन्तिम विदाई के समय ।