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Sunday, June 16, 2024

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सात महीने तक बंधक बनाकर रखा मिसौरी यूनिवर्सिटी में पढ़ने आए भारतीय छात्र को, जबरन घरों में काम भी कराया

अमेरिका के मिसौरी में एक 20 वर्षीय भारतीय छात्र को कई महीनों से बंधक बनाकर रखा गया, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने आखिरकार बचा लिया। दरअसल, छात्र के चचेरे भाई और दो अन्य व्यक्ति ने उसे तीन घरों में काम करने के लिए मजबूर किया था। 

अमेरिका के मिसौरी में पीड़ित को तीन अलग-अलग घरों में महीनों तक बंधक बनाकर रखा गया। बुधवार को पुलिस सेंट चार्ल्स काउंटी में ग्रामीण हाईवे के एक घर पर पहुंची। बाद में उन्होंने वेंकटेश आर सत्तारु, श्रवण वर्मा पेनुमेच्छा और निखिल वर्मा पेनमत्सा को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ मानव तस्करी, अपहरण और हमला करने का आरोप लगाया गया है। 

स्थानीय नागरिक ने दी पुलिस को सूचना
छात्र की परिस्थिति के बारे में मालूम चलने पर एक स्थानीय नागरिक ने 911 नंबर पर फोन करके पुलिस को इसकी जानकारी दी। फिलहाल पीड़ित सुरक्षित है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। आरोप में बताया गया कि आरोपियों ने पीड़ित को सात महीने तक बेसमेंट में बंधक बनाकर रखा था। उसे जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया गया। इस दौरान पीड़ित को बाथरूम भी नहीं जाने दिया गया था। 

अभियोजक जो मैक्कुलोच ने कहा, ‘एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के साथ ऐसा कर सकता है। यह अमानवीय है।’ जांचकर्ताओं ने सत्तारु की पहचान रिंगलीडर के तौर पर की है। वह ओ फेलोन में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है। मुख्य आरोपी सत्तारु पर गुलामी के मकसद और दस्तावेजों के दुरुपयोग से मानव तस्करी करने के मामले में अतिरिक्त आरोप लगाया गया है। 

मिसौरी यूनिवर्सिटी पढ़ने आया था छात्र
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय छात्र पिछले साल भारत से अमेरिका मिसौरी यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लक्ष्य से आया था। उसे अप्रैल के शुरू में सत्तारु के घर पर ले जाया गया, जहां उससे सुबह के साढ़े चार बजे तक जबरन काम कराया गया। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह रोजाना केवल तीन घंटे सोता था। उसने बताया कि ठीक से काम पूरा नहीं होने पर उसे पीटा भी जाता था और नग्न होने के लिए भी मजबूर किया जाता था। 

बुधवार की सुबह पुलिस सत्तारु के घर पर पहुंची, लेकिन वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि वे अंदर नहीं आ सकते हैं। इसी दौरान पीड़ित भागता हुआ बेसमेंट से बाहर आया। उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे और वह डर से कांप रहा था। 

अभियोजक मैक्कुलोच ने बताया कि पीड़ित को मुक्कों से पीटा जाता था और इलेक्ट्रिक झटके भी दिए जाते थे। उसे भूखा भी रखा जाता था और बाथरूम जाने के लिए बहुत कम अनुमति दी जाती थी। अभियोजक ने पीड़ित को बचाने में मदद करने वाले नागरिक की सराहना की। उन्होंने बताया कि तीनों ही आरोपी अमीर घर से ताल्लुक रखते हैं और भारत में राजनीतिक संबंध होने के कारण उन्हें बिना बॉन्ड के सेंट चार्ल्स काउंटी जेल में रखा जा रहा है। 

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