सिंगापुर रिफाइनिंग कंपनी के सीनियर ऑपरेशन टेक्नीशियन को चार साल बाद उस मामले में जेल हुई, जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी। एक प्लांट में जहरीली गैस होने के बावजूद तकनीशियन ने वहां मजदूरों को काम करने भेज दिया था।
15 अप्रैल को सिंगापुर रिफाइनिंग कंपनी में एक बड़ा हादसा हुआ था। एक प्लांट में हवा में जहरीली गैस होने के कारण काफी मजदूरों की जान पर बन आई थी। जिसमें से तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक प्लांट में जहरीली गैस होने के बावजूद उस दिन तकनीशियन ने मजदूरों को काम पर भेजा था। उस दिन पलानीवेल पांडीदुरई और पेरियासामी कोलांगिनाथन पीईसी नामक कंपनी में काम कर रहे थे। तभी हाईड्रोजन सल्फाइड गैस के संपर्क में आने पर बुरी तरह जख्मी हो गए। उनकी आवाज सुनकर पास में काम कर रहा नारायणन मुरासोली उन्हें बचाने के लिए भागा। लेकिन उनको बचाते बचाते वह स्वयं गिर पड़ा। उस समय लेक चिंगह्वा तकनीशियन था।
तीनों का आनन-फानन में एनजी टेंग फोंग अस्पताल ले जाया गया। पेरियासामी और नारायणन इलाज के बाद ठीक हो गए, हालांकि दोनों का काफी लंबा इलाज चला। लेकिन पलानीवेल का शरीर रासायिनक गैस से 40 प्रतिशत जल चुका था। उसकी पीठ और पेट पर छाले पड़ गए थे, त्वचा छिल गई थी। काफी समय तक इलाज चला लेकिन उसके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया। 22 सितंबर 2020 को उसकी मृत्यु हो गई थी। हालांकि पेरियासामी भी आंशिक तौर पर जल गया था। 21 सितंबर को उसको अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। वहीं नारायणन को घटना के तीन दिन बाद छुट्टी मिली थी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान तकनीशियन ने अपनी लापरवाही को स्वीकार किया। सोमवार को न्यायालय ने तकनीशियन को जेल भेज दिया है।