आपकी अभिव्यक्ती –
योगी शासन काल मे सायद भाजपा की एक मुराद हो सकती है पुरी ! अभी तक बेचारी भाजपा को शहीदों को नमन करने के लिये उसके फेरिस्त में एक भी नाम ऐसे नहीं थे जिसको लेकर वो गर्वान्वित महशूस कर सके, एक बार 1992 में मौका मिला भी तो उसे तत्कालीन सहयोगी पार्टी ने झटक लिया, क्योंकि तब सलाखों की चिन्ता ने ऐसा करने से पीछे हटा लिया, वहीं सहयोगी पार्टी ने अपनी हिम्मत का परिचय देते हुये, मौके को तुरन्त लपक लिया और रातों-रात एक विशिष्ठ वर्ग का हृदय सम्राट का दर्जा हांसिल कर लिया।
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अब बेचारी भाजपा इस मौके को कतई गवांना नहीं चाहती है कि वापस उसकी झोली से इतना बडा मौका निकल जाये, वैसे उसे अब सायद कांग्रेस के सरदार पटेल के नाम का सहारा न लेना पड़े क्योंकि अब उसके पाले में भी लौह पुरुष ने दस्तक दे दी है वर्तमान में वो भले ही राज्य मंत्री स्तर का क्यों न हो आखिर लौह पुरुष तो लौह पुरुष ही होता है न।
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क्येंकि ये लौह पुरुष ऑफ रिकार्ड नहीं कहते ये तो ऑन रिकार्ड कहते हैं, अब जिससे जो बने वो इनका…. या बिगाड़ ले, क्योंकि ये तो ठहरे देश के कानून को तामील कराने वाले उपमुखिया, फिर कहते हैं न “जब सैंया भये कोतवाल, फिर डर काहे का” तो सिपेसलार लग गये अपने काम पे और कर दिया जंग का आगाज, जिसमें कुछ जंग की जीत मना रहे हैं और जो चल बसे उनके लिये शहीदों का दर्जा दिलाने में लगे हैं, तो हो सकता है बाबा की दया से शहीद स्मारक बनाने की घोषणा भी हो जाये तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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क्योंकि इस वक्त देश में ऐसे विनाशकारी, घूर्त, आतंकवादी और न जाने कितने नाम इन्होने दे रखें हों ये तो सिर्फ इन्हे ही पता है, जिसकी वजह से देश में हाहाकार मचा हुआ है। उससे निपटने के लिये इनके वीर बलिदानियों को आगे बढ़ कर आना ही होगा, तकि उन आतताइयों के हौसलों को टायर के नीचे रौंद कर कुचल दिया जाये, ताकि दूसरा कोई इनके दम्भ के आगे साहश न जुटा सके । धन्य हो बाबा धन्य हो !
जागो – जनता – जागो