1 – सच में गोलियां चली है या ….
दिल्ली लेडी डॉन सोनू पंजाबन की कार पर मंगलवार-बुधवार की रात पौने तीन बजे एक अन्य कार में सवार बदमाशों ने फायरिंग की और फरार हो गए, हालांकि गोली किसी को लगी नहीं। यह जानकारी सोनू पंजाबन ने पुलिस को दी। शुरुआती जांच में पुलिस को सोनू पंजाबन के बयान और घटनास्थल के हालातों में विरोधाभास लग रहा है। पुलिस को शक है कि कहीं ऐसा न हो कि खुद सोनू पंजाबन ही ने अपनी कार पर गोलियां चलवाईं हो।
सोनू पर सेक्स रैकेट चलाने के दर्ज है कई मामलें
पुलिस घटनास्थल की फोरेंसिक जांच कर रही है। सोनू पंजाबन ने पुलिस को बताया कि वह अपने बेटे को शकरपुर स्थित घर छोडऩे के बाद अपने भाई को छोडऩे गीता कॉलोनी गई थी। वहां से लौटते हुए लक्ष्मी नगर पुश्ता रोड पर हमला हुआ। बदमाश फरार हो गए तो उसने पीसीआर को कॉल की। बता दें कि सोनू पंजाबन सात दिन की अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर है। जमानत अवधि खत्म होते ही उसे जेल वापस जाना है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोनू पर सेक्स रैकेट चलाने के कई मामले दर्ज हैं, जिनमें वह जमानत पर बाहर आती रही है। कुछ दिन पहले मां के इलाज के लिए अदालत ने एक सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है।
वॉट्सएप पर सेक्स रैकेट-ई वालेट पर पेमेंट
सोनू पंजाबन वॉट्सएप व वीडियो काल पर देह व्यापार का धंधा संगठित तरीके से चलाती रही है। कस्टमर्स से पेमेंट लेने के लिए ई वॉलेट का प्रयोग करती है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली खूबसूरत सोनू पंजाबन किसी हीरोइन से कम नहीं है। उसने ब्यूटी पार्लर की आड़ में देह व्यापार का धंधा शुरू किया था। शुरुआत में वह खुद कॉलगर्ल का काम करती थी, धीरे-धीरे और लड़कियों को अपने रैकेट में फंसाना शुरू कर दिया। फार्म हाउसों और होटलों में क्रिकेट से जुड़ी पार्टियों कॉल गर्ल्स सप्लाई करने के दौरान सोनू पंजाबन पुलिस की गिरफ्त में आ गई थी। कुछ टीवी अभिनेत्रियां भी सोनू पंजाबन के सेक्स रैकेट में शामिल थीं। सोनू के ग्राहकों में उद्योगपति, राजनेता और बड़े माफिया भी शामिल हैं।
10वीं पास गीता अरोड़ा, बन गई सोनू पंजाबन
गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन हरियाणा के एक पंजाबी परिवार की है। उसने 10वीं तक पढ़ाई की और फिर ब्यूटीशियन कोर्स किया। 17 साल की उम्र में उसकी शादी विजय नाम के एक लड़के से हुई जो एक कार चोर था। 2004 में दिल्ली पुलिस ने विजय का एनकाउंटर कर दिया। इसके कुछ दिन बाद ही सोनू पंजाबन के पिता की भी मौत हो गई। पुलिस ने जब उसे पहली बार पकड़ा था तो उसने कहा था कि पैसों के लिए वह सेक्स के धंधे में आ गई है। इसके बाद वह सेक्स रैकेट की लेडी डॉन बन गई। कार्पोरेट कंपनी की तरह वह सेक्स को धंधे को चलाने लगी। कॉल गल्र्स को वह सैलरी पर रखती थी और सेक्स के धंधे से उसने करोड़ों रुपए कमाए। दीपक और हेमंत नाम के दो बदमाशों से उसने शादी की, लेकिन दोनों पुलिस एनकाउंटर में मारे गए।
2 – मध्य प्रदेश किसानों को कर्जदार बना दिया जिनके पास जमीन नहीं है l
ग्वालियर: एमपी को गजब ऐसे ही नहीं कहा जाता, यहां उन किसानों का भी कर्जमाफ होता है जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं है, हद तो तब हो जाती है कि जब ऐसे लोगों का नाम कर्जमाफी की लिस्ट में आ जाता है जिनके पास खेत ही नहीं हैं वे मजदूर हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से सामने आया है जहां जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबंधित 76 कृषि साख सहकारी समितियों में हुए भृष्टाचार में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं।
यहां पर आदिवासियों के पास न खेती की जमीन है और न ही उन्होंने कभी सहकारी समिति देखी है। वो तो सिर्फ खेतों में सालों से मजदूरी कर रहे हैं लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि कर्जमाफी की लिस्ट में उनके ऊपर भी हजारों का कर्ज सामने आया है। यह हैरान कर देने वाला कारनामा जिले के मेहगांव साख सहकारी समिति ने किया है। बुधवार को पूर्व विधायक बृजेन्द्र तिवारी ने चिनौर में किसान पंचायत का आयोजन किया। इस सभा में भितरवार के ईटमा गांव के आदिवासियों ने अपनी पीड़ा सुनाई। वहीं दोषियों पर एफआईआर कराने के लिए बैंक प्रबंधन व सहकारिता विभाग के अधिकारी बुधवार को दिनभर अपने रिकार्ड की छानबीन करते रहे। इसके बाद सभी अधिकारी शाम के वक्त एसपी को पूरा डेटा दिखाने पहुंचे।
कमलनाथ सरकार के द्वारा किसानों का 2 लाख तक का ऋण माफ करने की घोषणा की गई। इसके बाद ऋणमाफी का प्रमाण पत्र देने के लिए फार्म भरवाए जा रहे हैं। वहीं कर्जधारी किसानों की सुची पंचायत की दीवारों में चस्पा करवा दी गई हैं। इस सूची के चस्पा होने से जिले में 2006 के बाद से जिला सहकारी बैंक में हुए घोटाले के चौंकाने वाले कारनामे सामने आ रहे हैं। फर्जी कर्ज वितरण करने के लिए पूरे नियम कानून का उल्लंघन किया गया है। आदिवासियों को कर्जदार बनाकर उनके नाम से भी पैसे निकाल लिए गए। किसानों ने जो पैसा जमा किया, उस राशि को भी दबा लिया गया।
इन आदिवासियों का नाम है कर्जदारों की लिस्ट में
जिन आदिवासियों को कर्जदारों की लिस्ट में शामिल किया गया हैं उनमें भूरी पर 12808, कलुआ पर 10282, राजोबाई पर 27972, महाराज पर 26266, मेघा पर 77975 और कालिया पर 66461 का कर्ज दिखाया गया है।
3 – सामान्य वर्ग आरक्षण फरवरी में लोगों को मिलेगा लाभ l
नई दिल्ली अगले महीने से केंद्र सरकार की सभी भर्तियों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलने लगेगा। एक आधिकारिक आदेश में इसकी जानकारी दी गयी है। ईडब्ल्यूएस के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण को लेकर हाल ही में संसद में कानून पारित हुआ है।
कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में जारी आदेश में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लागू करने की विस्तृत प्रक्रिया अलग से अधिसूचित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अधिसूचित किया जाता है कि केंद्र सरकार के पदों एवं सेवाओं में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और यह एक फरवरी 2019 को अथवा इसके बाद से अधिसूचित होने वाली सभी सीधी सरकारी नौकरियों की भर्ती में लागू होगा।
सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के लिये संविधान संशोधन विधेयक को संसद ने नौ जनवरी 2019 को मंजूरी दे दी थी। सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण की मौजूदा योजनाओं के दायरे में नहीं आने वाले ऐसे लोग जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम है, उनकी पहचान ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तौर पर की गई है और इन्हें इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
पांच एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि वाले परिवारों, एक हजार वर्ग फुट या इससे अधिक के आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगर निगमों के क्षेत्र में 100 गज (यार्ड) या इससे अधिक की आवासीय भूमि तथा नगर निगमों के अधिसूचित इलाकों से बाहर के क्षेत्रों में 200 गज या इससे अधिक आवासीय भूमि के मालिकों को भी इस आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया है।