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कोरोना तांडव के चलते सरकार और कोर्ट के मध्य नूराकुश्ती, एक दिन में 1761 लोगों की मौत, देश में ऐसे कैसे लोग हो सकते हैं हृदय विहीन ?

सुप्रीम कोर्ट समाचारों को सांप्रदायिक रंग देने पर चिंतित!

Supreme Court

कोरोना तांडव – सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाईं रोक, नहीं लगेगा यूपी के पांच शहरों में लॉकडाउन

आपकी अभिव्यक्ति (जनता की अभिव्यक्ति)

Socialworker / Editor – Ravi G. Nigam

कोरोना तांडव के चलते सरकार और कोर्ट के मध्य नूराकुश्ती, देश रहे न रहे लेकिन सत्ता रहनी चाहिये, जनता बचे न बचे लेकिन कुर्सी बची रहनी चाहिये, वाह ! रे वाह ! मेरे देश भक्त नेताओं देश के आकाओं, नाज़ है हमें तुम्हारी सोंच और विवेक पर, जब न्याय को ही न्याय की दरकार हो तो देश की आम जनता क्या करे ? वाह ! रे वाह ! मेरे देश के सत्ताजीवियों और कुर्सीजीवियों, देश कोरोना के दंश से कराह रहा है लेकिन सत्ताजीवियों को सत्ता जाने का डर और कुर्सीजीवियों को कुर्सी का डर सता रहा है, कुछ भी हो इन सत्ताजीवियों और कुर्सीजीवियों की वीरता को सलाम, जो लाशों के अंबार पर भी सत्ता की कुंजी और कुर्सी की चाहत तलाशने में व्यस्त हैं।

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वाह ! रे वाह ! मेरे देश के योद्धाओं, सायद इसी दिन को न देखने के लिये हमारे शहीदों के समय रहते ही आँखें मूँद ली, अन्यथा वो इस पीडा को बर्दास्त नहीं कर पाते और न जानें, जानें से पहले क्या कर जाते ? यदि वो ये सब देख रहे होंगे तो उनकी आत्मा और हृदय इस वेदना से कैसे गुजर रहे होगें ये उन्हे ही पता, कि हमने ऐसे निष्ठुर और हृदय विहीन लोगों की तो परिकल्पना भी नहीं की थी, नहीं तो इन्हे ऐसे अधिकार से सुसज्जित ही नहीं करते, जो इन्हे मिले हुए हैं। क्या देश की जनता का विश्वास ऐसे कृत्यों से डिगेगा की नहीं ? इसका असर देश की जनता की मानसिकता पर पडेगा कि नहीं ? क्या लोगों को ये सोचने पर मजबूर नहीं करेगा कि देश में ऐसे कैसे लोग हो सकते हैं हृदय विहीन ?

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पांच शहरों में लॉकडाउन के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह उठाए गए कदमों और आगे उठाए जाने वाले कदमों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आज इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “क्यों न इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट ही करे, क्योंकि हमारे पास अन्य कई केस लंबित हैं।”

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सुप्रीम कोर्ट आज पहुंचा था केस
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आज सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ओर से आज सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि, “हमने कोरोना कंट्रोल करने के लिए कई कदम उठाए हैं, कुछ और कदम उठाने हैं, लेकिन लॉकडाउन इसका कोई समुचित हल नहीं है।

आदेश मानने से योगी सरकार का इंकार
इससे पहले, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार दिया है। राज्‍य सरकार की ओर से कहा गया है कि वह इस आदेश पर अमल नहीं करेगा क्‍योंकि उसे लोगों की जीवन और आजीविका दोनों की ही रक्षा करनी है। यूपी सरकार ने कहा है कि फिलहाल शहरों में ‘संपूर्ण लॉकडाउन’ नहीं लगेगा।

पांच शहरों में लग्न था लॉकडाउन
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही अदालत ने कहा था कि ये प्रतिबंध “पूर्ण लॉकडाउन नहीं” हैं।

कोरोना तांडव

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कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार बदस्तूर जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को एक बार फिर देश में ढाई लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. यह लगातार चौथा दिन है जब देश में ढाई लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं, मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में 2,59,170 नए मामले आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1,53,21,089 हो गई है.

अबतक 1,80,530 लोगों की मौत
वहीं इस अवधि में मरने वालों की संख्या सर्वाधिक 1761 रही है, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 1,80,530 हो गई है. सबसे चिंता का विषय यह है कि देश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 20 लाख के आंकड़े को पार कर गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में इस वक्त कोविड के एक्टिव 20,31,977 हैं. यानी कि इनका इलाज या तो अस्पताल में चल रहा है या फिर यह डॉक्टरों के निर्देश पर होम आइसोलेशन में है.

कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस डबल
बीते सोमवार को कोरोना के ऐक्टिव केस 20 लाख के पार हो चुके हैं। और यह डरावना और अनचाहा रिकॉर्ड भारत ने सिर्फ 10 दिनों में रचा है। इसके पहले बीते 10 अप्रैल को ही भारत में कोरोना के 10 लाख एक्टिव मरीज थे। वहीं अब बीते सोमवार रात तक भारत में कोरोना संक्रमण के कुल 20 लाख 30 हजार 725 ऐक्टिव केस थे। इस पारकर मात्र 10 दिनों में कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस भारत में डबल हो गए हैं। जो कि अब गहन चिंता का विषय है।

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