रिपोर्ट – रवि निगम
दिल्ली – राजधानी दिल्ली के फिल्मिस्तान आनाज मण्डी इलाके (रानी झांसी रोड) में रविवार सुबह लगभग 5:00 बजे के दौरान एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। जहाँ लगभग 100 लेबर सो रही थी और बताया जा रहा है उस फैक्ट्री में बाहर से ताला जड़ा हुआ था जो बाहर नहीं निकल पाये और दम घुटने से लगभग 45 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल इलाके में लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है। अब तक 50 लोगों का बचा लिया गया है।
आग के बारे में जानकारी सुबह 5:22 बजे मिली, जिसके बाद 30 फायर टेंडर्स को घटनास्थल पर भेजा गया। जानकारी के मुताबिक अनाज मंडी में एक इमारत में आग लगी। आग इतनी भयानक थी कि आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 30 गाड़ियां पहुंची। हालांकि देखते ही देखते आग बढ़ती ही चली गई। लोगों को ग्रिल काटकर निकालना पड़ा, उसके बाद घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया।
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पुलिस ने बताया कि आग लगने से 45 लोगों की मौत हो गई है। घटना के दौरान कुल 59 लोग फैक्ट्री के अंदर थे। दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इसे बेहद दुखद खबर बताया। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान चल रहा है। मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिये जायगें और वहीं घायलों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा साथ ही मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गयी है साथ ही उनका कहना का कि फायरमैन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। घायलों को अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। फायर सर्विस के अधिकारी ने कहा कि 50 लोगों को पहले ही बाहर निकाल लिया गया था। लोगों की मौत दम घुटने से हुई है। उनका कहना है कि इलाके की गलियां बहुत सकरी हैं इसलिए ज्यादा गाड़ियां अंदर नहीं जा पा रही हैं। राहत और बचाव कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आग लगने की ये सबसे बड़ी घटना है।
जानकारी के अनुसार कई लोग 50 फीसदी से ज्यादा इस आग में जल चुके हैं। साथ ही घायलों को 4 अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों को आरएमएल, एलएनजेपी, हिंदू राव और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस फैक्ट्री में आग लगी है, वो 600 गज में फैली है और वहां स्कूल बैग पैकेजिंग का काम होता है। पहले एक इमारत में आग लगी और देखते ही देखते आग ने अगल बगल की दो और इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। ये फैक्ट्रियां बेहद भीड़भाड़ वाले और रिहायशी इलाके में चल रही थीं। फैक्ट्री के मालिक ने कहा कि जब घटना हुई, तब करीब 20-25 मजदूर अंदर सो रहे थे। कुछ देर बाद जब धुएं से उनका दम घुटने लगा तो उन्होंने खिड़की के पास जाकर मदद के लिए आवाज लगाई। आसपास के लोगों ने पुलिस और फायर सर्विस को इसकी जानकारी दी। यहां काम करने वाले मजदूर ज्यादातर दूर-दराज से आए हुए हैं।