भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जानकारी देते हुए बताया कि भारत, अफगानिस्तान का पड़ोसी और विकास भागीदार है। दोनों देश करीबी ऐतिहासिक सभ्यताएं हैं। हम अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के समर्थक हैं और अफगानिस्तान में मानवाधिकार विकास संबंधी कार्यों की देखरेख कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की 54वीं मानवाधिकार परिषद की बैठक भारत ने बताया कि हमने अफगानिस्तान में 50 हजार मीट्रिक टन अनाज, 28 टन आपदा राहत पैकेज, 200 टन दवाईयां, वैक्सीन और अन्य मेडिकल आइटम भिजवाएं हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यों में सहयोगी है, जिसके तहत अफगानिस्तान में 11 हजार यूनिट महिला स्वास्थ्य किट्स और कंबल भी अफगानिस्तान के महिला पुनर्वास केंद्रों को भेजे हैं। ऑफिस ऑफ द यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर ह्युमन राइट्स पर चर्चा के दौरान ये जानकारी दी।
डब्लूएफपी ने भी की थी भारत की तारीफ
बता दें कि विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भी संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान के लोगों को मदद भेजने के लिए भारत की मदद की थी। करीब दो साल पहले तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान की सत्ता कब्जाई थी, उसके बाद से ही अफगानिस्तान मानवीय संकट का सामना कर रहा है। भारत, अफगान लोगों के लिए चिकित्सा और खाद्य सहायता सहित अन्य मानवीय सहायता की आपूर्ति कर रहा है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा था कि हम इस साल की पहली छमाही में अफगानिस्तान में 1.6 करोड़ लोगों को डब्लूएफपी से भोजन मिला है। हम भारत जैसे उदार दानदाताओं के आभारी हैं, जिन्होंने इसे संभव बनाया है।