पटना : आरजेडी नेता श्याम रजक के बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर पारा चढ गया है। रजक ने दावा किया है कि भाजपा की कार्यशैली से नाराज जेडीयू के विधायक बिहार की एनडीए सरकार को गिराना चाहते हैं। रजक ने कहा है कि आरजेडी के संपर्क में जेडीयू के 17 विधायक हैं और आरजेडी में ये जल्द ही शामिल होंगे।
एक निजी न्यूज़ चैनल के अनुसार, पूर्व मंत्री और वर्तमान आरजेडी नेता श्याम रजक ने दावा किया है कि उनके जरिए आरजेडी के संपर्क में है जेडीयू के 17 विधायक और वे शीघ्र ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में शामिल होना चाहते हैं।
श्याम रजक ने कहा कि फिलहाल इन विधायकों को रोका गया है, इसकी वजह यह है कि यदि 17 जेडीयू के विधायक आरजेडी में शामिल होते हैं तो उनकी दल-बदल कानून के अंतर्गत सदस्यता रद्द हो सकती है। रजक ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि यदि जेडीयू के 25 से 26 विधायक पार्टी छोड़कर आरजेडी में शामिल होंगे तो उनकी सदस्यता पर दल-बदल कानून के तहत कोई आंच नहीं आएगी। रजक ने कहा कि उन्हें इंतजार है कि आरजेडी में शामिल होंने के लिये कुछ और जेडीयू विधायक पार्टी छोड़ने का मन बनाएंगे।
वहीं रजक के इन दावों पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रजक ऐसे भ्रामकतापूर्ण बयान देकर वो लोगों को गुमराह करने का प्रयास करना चाहते है। रंजन ने कहा कि जेडीयू पूर्ण रूप से एकजुट है और हम भाजपा के साथ मिलकर बिहार में पांच साल सरकार चलायेंगे।
विदित हो कि 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। गत नवंबर में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं जिसमें एनडीए को 125 और आरजेडी के महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। यदि ऐसे में जेडीयू के संख्याबल में कहीं थोड़ा भी बदलाव हुआ तो खतरे में पड़ सकती नीतीश सरकार है।
यदि मध्य प्रदेेेश में हुए राजनीति घटनाचक्र पर गौर करें तो यदि आरजेडी वही प्रक्रिया अपनानें की ओर ध्यान केंद्रित कर ले तो वो कभी भी सरकार गिरा और बना सकती है यदि उसका दावा सही है तो ?