रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
लेबनान के समाचार पत्र अल-अख़बार ने कुछ ऐसे दस्तावेज़ों से पर्दा उठाया है, जिनसे पता चलता है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 2017 में ईरान पर हमले की योजना बना ली थी।
विदेश – इन दस्तावेज़ों से पता चलता है कि यमन युद्ध की दलदल में धंसने वाले सऊदी क्राउन प्रिंस को इससे निकलने का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था, इसलिए उन्होंने एक और जोखिम भरा क़दम उठाने का फ़ैसला किया था।
2017 में मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान पर हमले का मन बना लिया था और अमरीका से मदद की गुहार भी लगाई थी।
अल-अख़बार के मुताबिक़, सऊदी अरब ने ख़ुद को ऐसा पेश करने का प्रयास किया था कि यमन युद्ध के ज़रिए वह विश्व की शांति की रक्षा कर रहा है, इसलिए विश्व समुदाय को इस युद्ध में और ईरान के साथ संभावित युद्ध में रियाज़ का साथ देना चाहिए।
हालांकि अमरीकी पत्रिका द नेश्नल इंटरेस्ट का मानना है कि सऊदी क्राउन प्रिंस ने अपने अनाड़ीपन की वजह से सऊदी अरब को एक ऐसे चक्रव्यहू में फंसा दिया है, जहां उसकी हड्डियों के चरमराने की आवाज़ साफ़ सुनी जा सकती है।
पत्रिका ने लिखा है कि “सऊदी अरब में कुछ सड़ रहा है। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, जिन्हें एमबीएस के नाम से भी जाना जाता है, अरब राजशाही का ‘होनहार युवा चेहरा’ थे। लेकिन अब वह सऊदी अरब को संकटों में फंसाने और नाकाम विदेश नीति का प्रतीक बन चुके हैं और राजशाही परिवार में उन्हें देश के लिए नासूर समझा जा रहा है।”