अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह (Adani Group) के मुश्किलों में घिरने से धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर भी संकट के बादल मंडराने लगे है।
महाराष्ट्र कांग्रेस लगातार अदाणी समूह से धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट वापस लेने की मांग कर रही है। अदाणी विवाद को दरकिनार करते हुए महाराष्ट्र सरकार धारावी परियोजना समय पर शुरू करने की कवायद में लगी है।
महाराष्ट्र सरकार ने 29 नवंबर 2022 को धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की निविदा (टेंडर) की वित्तीय बोलियों को खोला। अदाणी समूह परियोजना के लिए सबसे अधिक 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर इस परियोजना को प्राप्त किया। बोली के लिए बेस प्राइस 2018 में 3,150 करोड़ रुपये से घटाकर 2022 में 1,600 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
अदाणी समूह को लेकर जारी विवाद की वजह से विपक्ष इस परियोजना को अदाणी समूह से वापस लेने की मांग कर रहा है।
महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मामले में ना सिर्फ एक स्वतंत्र एसआईटी की बनाने की मांग की है, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना के काम से अडानी ग्रुप को दूर किया जाए। प
टोले ने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्य वितरण उपक्रम का संचालन अडाणी समूह को सौंपने की योजना बनाई है, लेकिन इसके यूनियन के कड़े विरोध के कारण यह अमल में नहीं आ सका।
उन्होंने दावा किया कि दुबई स्थित एक रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी ने मुंबई में धारावी झुग्गी पुनर्वास परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी,लेकिन इसका अनुबंध अदाणी समूह को दिया गया।
विपक्ष के विरोध को दरकिनार करते हुए राज्य सरकार धारावी पुनर्विकास पर समय पर पूरा करने की कोशिश में जुटी है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कह रहे हैं कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही धारावी पुनर्विकास परियोजना को औपचारिक रूप से अदाणी समूह को सौंपने के लिए जीआर जारी करने वाली है। जीआर जारी होने से पहले कुछ जरूरी चीजों पर काम किया जाना है। यह बहुत जल्द हो जाएगा।
इस परियोजना के तहत धारावी में रहने वाले 56 हजार परिवारों का पुनर्वास होगा। बोली जीतने वाली अदाणी रियल्टी को धारावी पुनर्विकास परियोजना का काम सात साल की अवधि में पूरा करना है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले प्रत्येक परिवार को घर 405 वर्ग फुट कारपेट एरिया का मुफ्त घर मिलेगा। इस परियोजना के तहत चार मंजिला बिल्डिंग बनाई जाएगी।
कांग्रेस के आरोप पर जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि आज जब आप अडाणी की बात कर रहे हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि अडाणी ने संपन्न कब हासिल की?
उन्होने मुनंगटीवार ने कहा कि 1993 में जब चिमनभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री थे , तब कांग्रेस में ही थे जिसने 10 पैसे प्रति वर्गमीटर की दर से जमीन दी थी। जब छबीलदास मेहता गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब मुंद्रा बंदरगाह का काम अडाणी ग्रुप को दिया गया था।
अडाणी विवाद में कांग्रेस की ओर से झूठ फैलाने की चेष्टा की जा रही है। राज्य सरकार के मंत्रियों का कहना है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना नियम कायदे से अपने निर्धारित समय पर पूरी होगी, किसी के आरोप से काम रुकने वाला नहीं है।