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Saturday, July 27, 2024

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EU ने ईरानी महिला महसा अमिनी को दिया बड़ा मानवाधिकार अवॉर्ड, पुलिस हिरासत में हुई थी मौत

ईरान की युवा महिला महसा अमिनी को मरणोपरांत बड़ा अवॉर्ड मिला है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ (EU) ने कुर्दिश-ईरानी महिला महसा अमिनी को शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार दिया। महसा अमिनी की पिछले साल पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।

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गौरतलब है कि महसा अमिनी की मौत केवल 22 साल की आयु में हुई थी। पुलिस हिरासत में मौत के कारण ईरान के सुरक्षाबलों को दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों ने कठघरे में खड़ा किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महसा अमिनी की मौत हिजाब विवाद के दौरान हुई थी। ईरान में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच महसा अमिनी की मौत ने संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया था।

पुलिस की हैवानियत, शरीर पर चोट के गंभीर निशान
तेहरान पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें सिर्फ इसलिए हिरासत में लिया गया, क्योंकि हिजाब सही तरीके से नहीं पहना गया। पुलिस पर बर्बरता के गंभीर आरोप लगे। खबरों के अनुसार महसा अमिनी की कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं जहां उनके शरीर पर चोट के निशान दिखे थे।

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हिजाब को लेकर ईरान में व्यापक विरोध-प्रदर्शन
महसा अमिनी की मौत इसलिए भी सुर्खियों में रही क्योंकि इस युवा महिला की मौत के बाद हिजाब को लेकर हो रहा विरोध प्रदर्शन ईरान में और तेज हो गया था। ड्रेस कोड को लेकर हो रहे विरोध के बीच महिलाओं को बड़े पैमाने पर हिजाब जलाते देखा गया था। महिलाओं ने विरोध जताने का उग्र तरीका अपनाया और अपने बाल तक काट डाले। 

ईरान में हिजाब और ड्रेस को लेकर सख्त कानून
गौरतलब है कि ईरान की बहुचर्चित इस्लामिक क्रांति के बाद महिलाओं को हिजाब पहनना जरूरी था। 43 साल पहले हुई इस क्रांति के बाद शरिया कानून के तहत हिजाब पहनना जरूरी है। 1979 के बाद हुई क्रांति के बाद हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को कड़ी सजा के प्रावधान बनाए गए। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों के अनुसार, इस्लामिक पीनल कोड की धारा 638 के तहत दंडित करने का नियम बनाया गया है। सार्वजनिक रूप से अगर कोई महिला या लड़की हिजाब पहने बिना या शरिया कानून के तहत तय किए गए ड्रेस कोड का उल्लंघन करते पाई गई तो कड़ी सजा मिलेगी। 

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हजारों महिलाओं में महसा अमिनी अलग क्यों?
ईरान में लैंगिक भेद और महिलाओं पर लागू पाबंदियों के खिलाफ महिलाएं अब मुखरता से आवाज उठा रही हैं। ऐसा ही एक विरोध हिजाब के खिलाफ हुआ। अपनी आवाज बुलंद करने वाली हजारों महिलाओं में महसा अमिनी भी शामिल रहीं। कुर्दिस्तान के साकेज शहर की निवासी महसा की दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक मौत का अंदाजा इसी से होता है कि खबरों में दावा किया गया कि उसने ईरान के ड्रेस कोड का उल्लंघन नहीं किया। इसके बावजूद पुलिस ने महसा अमिनी को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुने जाने की रिपोर्ट्स भी आईं। हालात खराब होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में महसा अमिनी को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भी पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर महसा को बचाने में सफल नहीं हो सके।

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