स्कॉटलैंड में 18 की बजाए में 16 साल की उम्र में लिंग परिवर्तन कराने की इजाजत देने के प्रस्ताव को संसद की मंजूरी मिल गई है। इससे ब्रिटिश सरकार के साथ स्कॉटलैंड की नई तकरार शुरू हो गई है। ब्रिटिश सरकार इस विवादित कानून पर पाबंदी लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है
स्कॉटलैंड सरकार ने लिंग परिवर्तन की वैधानिक आयु कम करने के लिए संसद की मंजूरी ले ली है। स्कॉटिश संसद ने गुरुवार शाम को लिंग पहचान सुधार (स्कॉटलैंड) विधेयक (Gender Recognition Reform Scotland Bill) को पारित कर दिया। इसके पक्ष में 86 मत पड़े जबकि विरोध में 39 वोट।
विधेयक पर सत्तारूढ़ दल में मतभेद
हालांकि, विवादित विधेयक को स्कॉटिश संसद की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसे लेकर सत्तारूढ़ स्कॉटिश नेशनल पार्टी (SNP) में मतभेद नजर आया। विधेयक पर मतदान के दौरान संसद की दर्शक दीर्घा में ‘शर्म करो’ के नारे भी लगे।
जेंडर डिस्फोरिया की जरूरत नहीं होगी
स्कॉटलैंड के लिंग परिवर्तन विधेयक के अनुसार जेंडर चेंज कराने से पहले जेंडर डिस्फोरिया (Gender dysphoria) का चिकित्सा उपचार जरूरी नहीं होगा। जेंडर डिस्फोरिया से ही संबंधित व्यक्ति को यह महसूस होता है कि उसका जेंडर उसकी लैंगिक पहचान से मेल नहीं खाता है। स्कॉटलैंड के लोगों को पुरुष से महिला या महिला से पुरुष के रूप में लिंग परिवर्तन की 2005 से इजाजत है। नए विधेयक से किन्नरों ट्रांसजेंडर भी जेंडर आइडेंटिफिकेशन सर्टिफिकेट (जीआरसी) आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
ब्रिटिश सरकार चिंतित
ब्रिटिश सरकार स्कॉटलैंड के इस कानून से चिंतित है। वह इस विधेयक को ब्रिटिश सम्राट की स्वीकृति (रॉयल एसेंट) रुकवा सकती है। ऐसे में यह कानूनी रूप नहीं ले सकेगा। ब्रिटिश सरकार विधेयक को रॉयल स्वीकृति के लिए जाने से रोकने के लिए धारा 35 के आदेश का उपयोग कर सकती है। स्काटलैंड, यूनाइटेड किंगडम या यूके का एक राज्य है।