विधि रिपोर्टर- विपिन निगम(एडवोकेट)
वकील ने कहा- मनमाने आरोपों के आधार पर आजादी छीन ली गई।
चिदंबरम ने याचिका में कहा- किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की ।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई को नोटिस जारी किया। नोटिस में अदालत ने सीबीआई को चिदंबरम की याचिका पर जवाब फाइल करने का निर्देश दिया । जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को तय की है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। 30 सितंबर को हुई सुनवाई के बाद, कोर्ट ने उन्हें तीसरी बार हिरासत में भेजने के आदेश दिए थे। चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर को खत्म होगी। हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जमानत के लिए चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल की है।
चिदंबरम को जमानत मिलने से सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं: कपिल सिब्बल
अदालत में चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें जमानत दिए जाने पर सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं है। साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट में हुई जिरह का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि जमानत मिलने पर उनके गायब हो जाने का भी खतरा नहीं है। चिदंबरम की तरफ से दाखिल याचिका में भी कहा गया है कि उन्होंने किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की है। याचिका में 2015 में दर्ज एफआईआर में उनका नाम नहीं है। एफआईआर में उन पर कोई आरोप भी नहीं लगाया गया है।
अदालत में सीबीआई की तरफ से सीलबंद लिफाफे में केस से जुड़े तथ्य पेश किए जाने के बाद सिब्बल ने कहा कि मनमाने और अप्रमाणित आरोपों के आधार पर उनके पक्षकार की आजादी छीन ली गई है। चिदंबरम की याचिका में भी इसको लेकर आपत्ति जताई गई है। सीबीआई की तरफ से अदालत में महाधिवक्ता तुषार मेहता मौजूद थे।
आईएनएक्स मीडिया केस में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व वित्त मंत्री तिहाड़ जेल में बंद हैं। चिदंबरम पर पद के दुरुपयोग और विदेशी निवेश को मंजूरी देने के लिए रिश्वत लेने के आरोप हैं। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके घर से गिरफ्तार किया था। तब से लेकर अब तक चिदंबरम न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।