संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के गैर अस्थाई सदस्य व इस माह अध्यक्षीय कार्यकाल की कई सदस्य देशों ने तारीफ की है। भारत का कार्यकाल इसी माह खत्म हो रहा है। इस मौके पर यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि UNSC के अस्थाई सदस्य के रूप में 2021-22 के कार्यकाल के दौरान एक ऐसा भी समय आया जब भारत को अकेला खड़ा होना पड़ा। इस दौरान उसने उन सिद्धांतों को नहीं छोड़ा, जिन पर वह विश्वास करता था।
यूएन के सदस्य देशों ने भारत के निर्वाचित अस्थाई सदस्य के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि उसने बहुदेशीय कूटनीति के सर्वोच्च मानदंड स्थापित किए। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के इस अहम संगठन को बहुत उच्च स्तर पर पहुंचाया।
दिसंबर महीने में भारत 15 देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। कार्यकाल को लेकर रुचिरा कंबोज ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान, हमने शांति, सुरक्षा और समृद्धि के समर्थन में बात की। हमने मानवता के साझा दुश्मनों, जैसे आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं हिचकिचाने पर जोर दिया।
भारत ने यूएनएससी की क्रमिक अध्यक्षता के क्रम में 1 दिसंबर को यह पद संभाला है। सुरक्षा परिषद के 2021-222 के दो साल के कार्यकाल में भारत दूसरी बार परिषद का अध्यक्ष बना। इससे पहले अगस्त 2021 में भारत ने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की थी।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के मामले पर थे मतभेद: कंबोज
कंबोज ने कहा कि भारत के यूएनएससी कार्यकाल के दौरान एक ऐसा समय आया जब हमें अकेले खड़ा होना पड़ा। उस दौरान हमारे पास विकल्प यह था कि हम उन सिद्धांतों को छोड़ दें, जिनमें हम वास्तव में विश्वास करते हैं। लेकिन हम अपने स्टैंड पर कायम रहे। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में जहां हमारे कुछ परिषद सदस्यों के साथ वास्तविक मतभेद थे जैसे कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में सुरक्षा परिषद की भूमिका के मुद्दे पर, लेकिन भारत का विरोध सिद्धांतों पर आधारित था।