रिपोर्ट- विपिन निगम
न्यूज़ डेस्क (यूपी)लखनऊ: लालबाग के होटल खालसा इन में रुकने वाले हत्यारों ने 18 अक्तूबर को खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की हत्या, फिर बरेली और मुरादाबाद में जा पहुंचे। इनकी लोकेशन यहां कई स्थानों पर मिली। शनिवार रात को रामपुर के पास भी एक बार इनकी लोकेशन मिली। इसके बाद से अचानक इनकी लोकेशन मिलना बंद हो गई। इसी आधार पर पुलिस सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि हत्यारे यूपी में ही है। यह भी पता किया जा रहा है कि बरेली, रामपुर और मुरादाबाद में किसी स्थान पर किसी ने इन्हें शरण तो नहीं दी थी।19 अक्तूबर को साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को यह भी पता चल गया था कि हत्यारे वारदात के बाद ट्रेन से बरेली पहुंचे, वहां एक अस्पताल में इलाज भी कराया। यहां क्राइम ब्रांच पहुंची लेकिन तब तक वह अस्पताल से निकल गए थे। यहां से रामपुर होते हुए मुरादाबाद तक हत्यारे गए। क्राइम ब्रांच, एसआईटी और एसटीएफ लगातार इन लोकेशन पर पहुंचती रही थी। एक अधिकारी ने बताया कि हत्यारों रात ही में यूपी से बाहर निकल जाने की फिराक में थे। पर, घायल हत्यारे का इलाज कराने के लिये ये बरेली में एक अस्पताल में काफी देर तक रुके थे। इस दौरान उनकी फोटो काफी वायरल हो रही थी, लिहाजा वह रामपुर व मुरादाबाद के बीच में ही कहीं रुक गए। मुरादाबाद में मदद भी मिली हत्यारों को!एक पुलिस अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि शूटरों को जब लगा कि वह पकड़े जा सकते हैं, तो उन्होंने अपने एक परिचित को सम्पर्क किया था। इस परिचित का एक काल के बाद ही मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। इस कॉल का पता लगने के बाद पुलिस अंदेशा जता रही है कि हत्यारों को मुरादाबाद में मदद उपलब्ध करायी गई। नया सिम व मोबाइल तो नहीं लियापुलिस यह भी मान रही है कि लोकेशन लगातार ट्रेस होने की भनक उन्हें लग चुकी है। इसलिये कानपुर की तरह रामपुर या मुरादाबाद में उन्होंने नया मोबाइल व सिम कार्ड न ले लिया हो। ताकि उनकी लोकेशन न मिल सके।