Home संपादकीय हाथरस गैंगरेप – तीसरी आंख से क्यों डर लगता है हुज़ूर ? क्या जनता लाईव देखेगी और सुनेगी इस लिये ?

हाथरस गैंगरेप – तीसरी आंख से क्यों डर लगता है हुज़ूर ? क्या जनता लाईव देखेगी और सुनेगी इस लिये ?

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हाथरस गैंगरेप – तीसरी आंख से क्यों डर लगता है हुज़ूर ? क्या जनता लाईव देखेगी और सुनेगी इस लिये ?
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-रवि जी. निगम

आपकी अभिव्यक्ति –

सामाजिक कार्यकर्ता व संपादक - रवि जी. निगम
सामाजिक कार्यकर्ता व संपादक

हुज़ूर ‘मानवाधिकार अभिव्यक्ति’ के माध्यम से जनता जानना चाहती है कि पहले एसआईटी ने नाम पर क्योंकर विपक्ष और मीडिया को पीडित परिवार से मिलने से क्यों रोका गया ? जबकि परिवार वालों ने लाईव चैनलों पर बताया कि 1ऑक्टूबर को एसआईटी आई थी चार-पांच घंटे तक ही रही, तो पूरा अमला एसआईटी के नाम पर क्यों झूंठ बोलता रहा ?

अब जब मीडिया को पीडित परिवार से मिलने जाने कि छूट दी गयी है तो, प्रदेश के मुख्य गृह सचिव और डीजीपी पीडित परिवार से मिलने आ रहे हैं तो मीडिया को उसे कवर करने से क्यों रोका जा रहा है, माना कि यदि मीडिया जमावडे से बातचीत में बाधा उत्पन्न होगी तो क्या उसे माईक और कैमरा तो रखने की क्या अनुमति नहीं दी जानी चाहिये ? क्या यदि ये अनुमति न देना ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ आर्टिकल 19 का उल्लंघन नहीं है ? ये परिवार और पत्रकारिता को अधिकार से वंचित किया जाना नहीं माना जायेगा ? क्या डीएम पार्ट 2 करने का इरादा है ?

-मानवाधिकार अभिव्यक्ति , आपकी अभिव्यक्ति.

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