सोमवार को भारत का पड़ोसी देश अफगानिस्तान भूकंप के तेज झटकों से दहल गया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड रही, लेकिन भूकंप का केंद्र जमीन से महज 10 किलोमीटर नीचे था, जिससे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप का केंद्र हिंदुकुश क्षेत्र था।
सोमवार को भारत का पड़ोसी देश अफगानिस्तान भूकंप के तेज झटकों से दहल गया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड रही, लेकिन भूकंप का केंद्र जमीन से महज 10 किलोमीटर नीचे था, जिससे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप का केंद्र हिंदुकुश क्षेत्र था।
बीते महीने भारत के दिल्ली एनसीआर के इलाके में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता भी 4.0 थी। इस भूकंप का केंद्र भी जमीन से सिर्फ पांच किलोमीटर नीचे था।
अफगानिस्तान में प्राकृतिक आपदा का खतरा बहुत ज्यादा
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मदद कार्यालय के अनुसार, अफगानिस्तान प्राकृतिक आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है और अफगानिस्तान में बाढ़, भूस्खलन और भूकंप का खतरा ज्यादा है। अफगानिस्तान दशकों से युद्ध में उलझा हुआ है और विकास के अधिकतर सूचकांक में पिछड़ा हुआ है। ऐसे में प्राकृतिक आपदाएं इस देश की स्थिति को और खराब बनाती हैं। अफगानिस्तान में पूर्व में भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं और हिंदुकुश का पहाड़ी इलाका हमेशा से ही भूकंप के लिहाज से काफी सक्रिय रहा है। भौगोलिक तौर पर अफगानिस्तान की स्थिति इंडियन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स की फॉल्ट लाइन पर मौजूद है, जिससे यहां भूकंप का खतरा बना रहता है।