नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें केंद्र सरकार को स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) से पीड़ित एक मरीज को 50 लाख रुपये की सीमा से अधिक 18 लाख रुपये की अतिरिक्त दवाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 24 फरवरी को केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा, “17 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में वापसी योग्य नोटिस जारी करें… सुनवाई की अगली तारीख तक, विवादित निर्णय के आदेश पर रोक रहेगी।”
क्या है मामला?
स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी एक दुर्लभ और गंभीर न्यूरोमस्कुलर बीमारी है, जिसके इलाज में अत्यधिक महंगी दवाएं लगती हैं। केरल हाईकोर्ट ने इससे पीड़ित एक मरीज के इलाज के लिए केंद्र को 50 लाख रुपये की सीमा से ऊपर 18 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि तक दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।
हालांकि, केंद्र सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए दलील दी कि सरकारी सहायता की एक निर्धारित सीमा होती है और इस तरह के मामलों में अतिरिक्त वित्तीय सहायता का प्रावधान किए जाने पर व्यापक नीति प्रभाव पड़ सकता है।
आगे की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है और 17 अप्रैल, 2025 के सप्ताह में इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की है। तब तक केरल हाईकोर्ट का आदेश लागू नहीं होगा। अब देखना होगा कि आगे की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट क्या निर्णय लेता है और यह मामला किस दिशा में जाता है।