अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में दाइश के आतंकियों ने गुरुद्वारे पर हमला कर दिया जिसमें अब तक 25 श्रद्धालुओं के मारे जाने और 8 के घायल होने की सूचना है।
विदेश – समाचार एजेन्सी एपी की रिपोर्ट के अनुसार सशस्त्र लोगों ने कई श्रद्धालुओं को कई घंटे तक बंधक भी बनाए रखा जिसके बाद अफ़ग़ानिस्तान की स्पेशल फ़ोर्स ने अंतर्राष्ट्रीय सेना की मदद से इमारात को ख़ाली कराया जिसमें कम से कम एक कम उम्र का हमलावर मारा गया।
हमले के कुछ घंटे बाद ही दाइश ने इसकी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर ली। अफ़ग़ानिस्तान के गृहमंत्रालय का कहना था कि हमलावर ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला किया और राइफ़ल से लोगों पर गोलियां चलाईं किन्तु अफ़ग़ान सुरक्षा बल के जवान गुरुद्वारे में फंसे कम से कम 80 श्रद्धालुओं को बाहर निकालने में सफल रहे।
हमला एक ऐसे समय में किया गया जब अमरीका ने एक दिन पहले ही अफ़ग़ानिस्तान के नेताओं अशरफ़ ग़नी और पूर्व एक्ज़िक्टिव अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के बीच समानातर सरकार के गठन पर सहमति न होने पर एक अरब डॉलर की मदद में कमी का फ़ैसला किया था।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अब्बास मूसवी ने अफ़ग़ानिस्तान में गुरुद्वारे पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि ईरान, आतंकवाद और चरमपंथ से मुक़ाबले में अफ़ग़ानिस्तान के साथ है।
उन्होंने इस हमले में मारे गये लोगों के परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि आतंकवादी अपनी दुष्टता तथा अफ़़गान जनता पर भारी ख़र्चे थोपकर कभी भी इस देश को अशांत करने और धार्मिक मतभेद पैदा करने के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे।
पाकिस्तान ने काबुल में गुरुद्वारे पर हमले की निंदा करते हुए इसे घिनौना अपराध क़रार दिया है।
ज्ञात रहे कि 2018 में भी सिख समुदाय पर आत्मघाती हमला किया गया था जिसकी ज़िम्मेदारी दाइश ने स्वीकार की थी।
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी भाग में स्थित जलालाबाद में होने वाले इस हमले में एक दर्जन से अधिक लोग मारे गये थे।
साभार पी.टी.