रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
भारी संकट से जूझ रही भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लि. ने सरकार से कई साल पहले जारी किए गए बॉन्ड की अदायगी और किराए के बक़ाये के रूप में 800 करोड़ रुपये मांगे हैं।
देश – सूत्रों का कहना है कि कंपनी पिछले दो माह से अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर सकी है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी भारी नकदी संकट से जूझ रही है और अपने कर्मचारियों के जुलाई और अगस्त माह के वेतन का भुगतान नहीं कर पाई है।
पिछले सप्ताह कंपनी ने इस बात को स्वीकार किया था कि वह अपने कर्मचारियों का दो माह का वेतन नहीं दे पाई। कंपनी ने कहा है कि वह ईमानदारी से कर्मचारियों के वेतन से कम से कम एक हिस्से के भुगतान का प्रयास कर रही है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने कहा कि एमटीएनएल ने सरकार के ऊपर उसके बकाये की मांग की है। इनमें 400 करोड़ रुपये उन बॉन्डों के धन की वापसी है जिनके बारे में कंपनी ने कहा कि कई साल पहले उसने इन्हें सरकार की ओर से जारी किया था।
भारी संकट से जूझ रहे दूरसंचार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एमटीएनएल और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को काफी नुकसान झेलना पड़ा है और हाल के दिनों में कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों ने अपने वित्तीय तनाव को दूर करने के लिए तत्काल मदद के लिए दूरसंचार विभाग से संपर्क किया है, जो कि रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद बाजार में निरंतर प्रतिस्पर्धात्मक माहौल की वजह से और बढ़ गया है।