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Wednesday, May 8, 2024

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Jobs: ‘एक लाख भारतीयों को ताइवान में नौकरी देने वाला दावा निकला फर्जी, श्रम मंत्री ने चुनावी हथकंडा बताया

Jobs: कुछ समय से खबरें सामने आ रही थीं कि भारत और ताइवान के बीच नौकरियों को लेकर एक अहम समझौता होने जा रहा है। इस समझौते के तहत ताइवान में भारत के एक लाख श्रमिकों को नौकरी मिलेगी। लेकिन अब इन रिपोर्ट पर ताइवान के श्रम मंत्री सू मिंग-चुन ने विराम लगा दिया है। उन्होंने शनिवार को बताया कि भारत से एक लाख प्रवासी श्रमिकों को ताइवान लाने की कोई योजना नहीं है।

उनकी टिप्पणी कुओमितांग (केएमटी) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होउ यू-इह के बयान के संदर्भ में आई है।

ताइवान का दरवाजा खोलने वाला दावा फर्जी
सू मिंग-चुन ने कहा कि ताइवान ने प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए भारत के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि श्रमिकों को लाने का मामला रोजगार सहयोग के संबंध में था। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि भारतीय श्रमिकों के लिए ताइवान का दरवाजा खोलने वाला दावा फर्जी है। हमने कभी भी भारतीय श्रमिकों को यहां लाने की मांग नहीं की थी।

उन्होंने कहा कि ये दावे गलत इरादे वाले लोगों द्वारा चुनावी लाभ के लिए लोगों की राय को हेरफेर करने के लिए किए गए हैं।

पहले ही हस्ताक्षर किया जा चुका
एक रिपोर्ट के अनुसार, सू मिंग-चुन का बयान केएमटी के उम्मीदवार होउ द्वारा एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिए जाने के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर पहले ही हस्ताक्षर किया जा चुका है।

बूढ़ी होती आबादी से परेशान है ताइवान
एक रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान अपनी आबादी की बढ़ती उम्र से परेशान है। अगले दो साल में यानी 2025 तक ताइवान की 20 प्रतिशत से ज्यादा आबादी 80 साल की हो जाएगी। ताइवान के अलावा भी कई देश इसी समस्या से परेशान हैं। हाल ही में इजरायल ने एक लाख भारतीयों को कंस्ट्रक्शन और नर्सिंग क्षेत्र में नौकरी देने की पेशकश की थी। श्रमिकों की मोबिलिटी को लेकर भारत का जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस समेत 13 देशों के साथ समझौता हो चुका है। इनमें से ज्यादातर देश आबादी के बूढ़े होने की समस्या से परेशान हैं।

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