न्यूज़ वीक की रिपोर्ट के मुताबिक़, अमरीका रूस के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है और मास्को भी वाशिंगटन की सैन्य गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है और उसका मुक़ाबला करने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है।
विदेश – रिपोर्ट के मुताबिक़, 2019 में अमरीकी सेना ने अभूतपूर्व युद्ध अभ्यासों का आयोजन किया था। सिर्फ़ 5 महीनों के दौरान अमरीकी सेना ने 93 युद्ध अभ्यास किए थे।
इन युद्ध अभ्यासों के दौरान, युद्ध की रणनीतियों से लेकर साइबर वार तक की टैक्टिस का अनुभव किया गया। लेकिन इनका आयोजन मध्यपूर्व में नहीं किया गया, इसलिए कि लक्ष्य ईरान नहीं था।
इन युद्ध अभ्यासों का लक्ष्य रूस था। शीत युद्ध के बाद अमरीका ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर इसका आयोजन किया। पिछले साल अक्तूबर में नाटो ने कहा था कि यूरोप की शांति पर मंडरा रहे ख़तरे और रूस के युद्ध अभ्यासों को देखते हुए इस तरह के युद्ध अभ्यासों का आयोजन ज़रूरी है।
नाटो ने रूस का मुक़ाबला करने या उस पर हमला करने के लिए पूर्वी यूरोप में काफ़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर रखा है।
नाटो के एक पूर्व जनरल कोरटिस स्कापोरुटी ने पिछले साल अमरीकी कांग्रेस में कहा था कि इन युद्ध अभ्यासों से यह साबित करना था कि दुश्मन हमारे बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं लगा सकता है।
मई के महीने में अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने घोषणा की थी कि एफ़-18 लड़ाकू विमानों ने रोमानिया में 700 मील तक उड़ानें भरी हैं। इन जेट विमानों ने रूस की सीमा से 500 मील की दूरी पर बमबारी का अभ्यास किया।
इस युद्ध अभ्यास के जन संपर्क अधिकारी स्टीफ़न गाइ का कहना था कि हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम बरुत ही कम समय में ऑप्रेशन शुरू कर सकते हैं।
न्यूज़ वीक ने अमरीकी सेना के ख़ुफ़िया दस्तावेज़ों को देखने का दावा करते हुए उल्लेख किया है कि नाटो की गतिविधियों में 300 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है और इसी के साथ ही शीत युद्ध की वापसी भी।
साभार पी.टी.