प्रतीकात्मक चित्र ।
मंडी चौराहे पर पेपर चैकिंग के नाम पर लोहेे के केबिन में दिखाते है नज़र गुजर की सफाई।
मथुरा – ये अवैध वाहन आरटीओ विभाग की बड़ी लाफ़रवाही के चलते सड़कों पर दौड़ रहे हैं । अवैध बाइकों से जुगाड़ कर बनाये गए लोडिंग रिक्से जिनके कागज़ होने की पुष्टि भी नही होती और न ही कभी चैकिंग के अंतर्गत आते हैं । जिसके चलते चोरी की बाइकें आधी कटवा कर जुगाड़ बनवा लेते हैं।
किस अधिनियम के तहत और किसकी अनुमति / संरक्षण इनको प्राप्त होता है। जिसे इन्हें कोई डर नही होता, अभी हाल ही की बात है एक लोडिंग बाइक गाड़ी पुलिस कांस्टेबल ने पकड़ भी ली जब काग़ज़ दिखाने की बारी आई तो एडीजे मथुरा से अपने सम्बन्धों का हवाला देने लगा और उन्ही का सामान लेकर जा रहा हूँ ऐसा कथन था उसका ।
मजे की बात है हैलमेट और तीन सवारी होने पर दुपहिया वहानों की चैकिंग होती है जहाँ कुछ तो पेपर लेस चलान और कुछ पेपर पर चालान होता है । जबकि ये लोग उसी पॉइंट से रिक्से में अवैध भार लेकर निकलते हैं। कोई पूछने या टोकने की जहमत नही करता है। अगर ये अवैध जुगाड़ दौड़ सकते हैं तो वो क्यों नही, जिनके बन्द होने से बहुत से परिवार बेरोजगारी के कगार पर आ गए हैं। उनको भी चलने दो कुछ फीसदी तो रोजगार बढेगा ।
अधिकारियों की नाक के नीचे होता है ये कमाल
कचहरी पर भारी वाहनों को पीछे के रास्ते पर डाइवर्ट कर दिया जाता है जिसका फायदा उठाकर कुछ होमगार्ड तहसील के सामने निकलने वाले मार्ग पर कागज चैक करने के नाम पर ट्रैक्टर आदि वहानों से अवैध वसूली करते हैं।
इस ओऱ भी ध्यान नही है
मथुरा की सड़कों पर दौड़ रहे बैट्री रिक्से और ऑटो रिक्से के ड्राइवर अधिकतर नावालिग हैं।