-रवि जी. निगम
आपकी आभिव्याक्ति…
गौरतलब हो कि पूर्व में भी ICMR ने आकर एक आकडा पेश किया था कि लगभग 64 हज़ार मामले तो मई में ही आ गये थे, तो ये कौन से आकडे हैं जिसे सरकार का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जारी करता है, क्या वो मामले अंदर खाने ही ठीक हो गये जो बाहर आये ही नहीं ? और वो सब छोड दीजिये, सरकार की नज़र में आम नागरिक कीडे मकौडे की तरह हैं ? जिसे बिना किसी डर के जारी कर बताया जाता है कि आज इतने लोगों की मौंत हो गयी ? सरकार को अब जनता से कोई सरोकार नहीं रहा ? क्या इक भी नागरिक की मौंत सरकार की आत्मा को झकझोरती है कि नहीं ? क्या देश का नंबर वन ये सवाल सरकार से पूंछेगा कि नहीं, अब भारत नहीं पूंछता है ? क्या विज्ञापनों के खातिर जनता के सवालों को ताख पर रख दिया जायेगा ? क्या देश में सिर्फ गिने चुने दो या तीन ही मुद्दे बचे हैं जिन पर जनता को गुमराह किया जायेगा ? क्या कोरोना पे कभी गरमा-गरम और उत्तेजक बहस होगी जिससे हादसे तक घटित हो जाते हैं ? कभी -23.9% के स्तर पर पहुंच गयी अर्थव्यवस्था पर भारत सवाल पुंछेगा की नहीं ? क्या देश के बेरोजगारों पर प्राईम टाईम पर दंगल छिडेगा कि नहीं ? कभी कोरोना की मार झेल रहे अभिभावकों और शिक्षा माफिया के मुद्दे पर हल्ला बोला जायेगा कि नहीं ? यदि नहीं तो धिक्कार हैै ऐसे लोगों पर जो जनता को सिर्फ सत्ता / कामाई का श्रोत समझते हैं।
नई दिल्ली – कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकारों की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है। देश में कोरोना के मरीज 56 लाख से पार हो गए हैं। इस बीच देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 83,347 नए मामले सामने आए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है।
56 लाख से ज़्यादा मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1085 मरीजों की मौत हुई है। अबतक 5,646,011 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 9,68,377 सक्रिय मामले हैं और 45,87,614 लाख ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, 90,020मरीजों की मौत हो चुकी है।