अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शैलोज चन्द्रा की अदालत ने बुधवार को हत्या के एक मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 17-17 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। मामला कोर्ट में पहुंचने के 10 महीने के भीतर दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला दिया।
अभियोजन के अनुसार वादिनी गीता बनवासी पत्नी विजय बनवासी निवासी रया मुसहर बस्ती, भदोही ने स्थानीय कोतवाली में लिखित तहरीर देकर बताया कि 26 जून को उसके पड़ोसी संजय बनवासी के लड़के की शादी थी। जहां 25 जून को डीजे पर नाच रहे सभी लोगों ने शराब पी थी। उस शादी में वह भी अपने पति के साथ शामिल होने पहुंची थी।
कुएं से बरामद हुआ था शव
बताया कि उसके पति ने भी शराब पी थी। इस बीच संजय बनवासी ने अपने नाती की तबियत खराब होने की बात कहकर डीजे बंद करने की बात कही। जिसपर सभी लोग नाराज हो गए और चले गए। मेरे पति भी वहां से गाली देते हुए मेरे साथ घर चले आए। कुछ देर बाद मेरे पति छोटेलाल बनवासी के घर पहुंच कर उनकी लड़की से वाद-विवाद करने लगे। जिस पर छोटेलाल सहित छह लोगों ने उनके पति को लाठी-डंडे से पीटते हुए स्कूल के पीछे ले गए। रातभर उसके पति का कुछ पता नहीं चला। सुबह होने पर उनके पति की लाश फत्तूपुर कुएं से बरामद हुई।
पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल के बाद 28 जून 2022 को छोटेलाल, लक्ष्मण, रामू, पताली, व अनिल उर्फ नागे के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। 22 सितंबर को अवर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को संज्ञान में लिया। जिसके बाद मामला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शैलोज चन्द्रा ने मामले की सुनवाई करते हुए छोटेलाल सहित लक्ष्मण बनवासी, रामू बनवासी निवासी रया मुसहर बस्ती व पताली बनवासी निवासी श्रीहरा कपसेठी तथा अनिल उर्फ नागे निवासी विंध्याचल, मिर्जापुर को दोषी पाया। कोर्ट ने पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामले में अभियोजन की तरफ से शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विकास नारायण मिश्र ने पैरवी की।