रिपोर्ट-विपिन निगम
अलीगढ़(यूपी):भारत मे घोटाले तो आम बात हो गई हैं। ताजा मामला है अलीगढ़ के हरदुआगंज तापीय परियोजना (कासिमपुर पावर हाउस) में 508 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पावर हाउस की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए यह धनराशि खर्च की गई लेकिन एक यूनिट बिजली भी ज्यादा नहीं बनी। शुक्रवार को बरौली विधायक दलवीर सिंह ने मुद्दे को विधानसभा में उठाया, तो ऊर्जामंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने उस समय काम कर रही भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड (भेल) पर 30.87 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह है मामला
पावर हाउस स्थित यूनिट नंबर सात 105 मेगावाट बिजली बनाती है। वर्ष 2009 में बसपा सरकार में इसकी क्षमता 15 मेगावाट बढ़ाकर 120 मेगावाट किए जाने के लिए भेल को जिम्मेदारी दी गई। 508 करोड़ रुपये से यह कार्य होना था। यूनिट को करीब तीन साल बंद रखा। परंतु इतनी धनराशि खर्च होने के बाद भी यूनिट अब भी 105 मेगावाट बिजली ही पैदा कर रही है। बरौली विधायक दलवीर सिंह ने मामले में विधानसभा में प्रश्न उठाया। उन्होंने पूछा कि 508 करोड़ रुपये खर्च तो दिखाए जा रहे हैं, मगर यूनिट की क्षमता क्योंं नहीं बढ़ी। तीन साल इकाई बंद होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। आखिर इतना पैसा खर्च करने का क्या मतलब था? शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस पर बताया कि सरकार ने भेल के भुगतान में से 30.87 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर काट लिए हैैं। जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
कई अफसरों पर आएगी आंच
इतने बड़े घोटाले में पावर हाउस के कई अफसरों व कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना है। बसपा सरकार के दौरान ऊर्जा मंत्रालय में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए थे।
खुलेगा घोटाला
बरौली के विधायक ठा.दलवीर सिंह का कहना है कि पूरी जांच हुई तो परत-दर-परत घोटाला खुल जाएगा। 508 करोड़ रुपये का अधिकारियों ने बंदरबाट कर लिया और यूनिट की उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ी।