रिपोर्ट- विपिन निगम
आगरा(यूपी): मथुरा अदालत में कन्नौज के एसीएमओ ने हनक दिखाने का प्रयास किया तो न्यायाधीश ने उन्हें जेल भेज दिया। गुरुवार सुबह अदालत में गवाही देने के बाद कोर्ट ने उन्हें रिहा करने के आदेश दिए। अब फर्जी मेडिकल बनाने वाले आगरा के डॉक्टर को तलब किया है। इधर, एसीएमओ के खिलाफ चरित्र पंजिका में एंट्री के लिए शासन को लिखा जाएगा।
थाना मगोर्रा में वर्ष 2015 में हत्या के प्रयास, मारपीट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें दो डॉक्टरों ने पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण किया था। इसमें एक आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज में तैनात रहे तत्कालीन डॉक्टर ब्रह्मदेव और दूसरे आगरा के निजी चिकित्सक अशोक सक्सेना शामिल थे। डॉक्टर ब्रह्मदेव वर्तमान में कन्नौज में एसीएमओ हैं। दोनों ही डॉक्टर लंबे समय से अदालत में गवाही देने नहीं आ रहे थे। एडीजे चतुर्थ और स्पेशल जज अमरपाल सिंह ने सरकारी डॉक्टर ब्रह्मदेव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए।
बुधवार को मगोर्रा पुलिस ने आगरा स्थित आवास विकास कॉलोनी के सप्तऋषि अपार्टमेंट निवासी डॉ. ब्रह्मदेव को घर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। अदालत ने कहा, यदि वह गवाही दे दें तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। डॉक्टर अड़ गए कि वह गवाही नहीं देंगे। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया।
रातभर जेल में रहने के बाद गुरुवार को डॉ. ब्रह्मदेव ने अदालत में गवाही दी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी भीष्म दत्त तोमर ने बताया कि अब फर्जी मेडिकल बनाने के मामले में आगरा के निजी चिकित्सक डॉ. अशोक सक्सेना को कोर्ट ने तलब किया है। वहीं, गवाही के बाद डॉ. ब्रह्मदेव की रिहाई के आदेश दिए हैं।