रिपोर्ट – रवि निगम
जम्मू-कश्मीर – मानवाधिकार के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कश्मीर में किसी भी चौक में नाका बन्दी नहीं है, १९६ पुलिस थानें में से आठ थानों में घारा १४४ जारी है, वहीं उन्होने कहा कि किसी भी इलाक़े में टेलीफ़ोन सेवा का न होना मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है।
साथ ही एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने वापस वही बात रखी कि कश्मीर के निर्वासित कश्मीरी पंडितों की चिन्ता मानवाधिकारों के चैम्पियनों को क्यों नहीं है, कश्मीर में ४०,८४१ लोग अब तक मारे गये उनकी विधवाओं व बच्चों की क्या उन्हे चिन्ता नहीं उस समय मानवाधिकारों की बात करने वाले कहाँ थे, आजादी के समय लौह पुरुष सरदार पटेल को ६३० रियासतों को मिलाने में कोई समस्या नहीं हुई लेकिन कश्मीर को भारत में अखण्ड रूप से मिलाने में ५ अगस्त २०१९ तक का वक्त लग गया।