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गर्लफ्रेंड बनाने के लालच में कहीं फंस तो नहीं गए आप भी, ठग गिरोह का पर्दाफाश।

आइजी रेंज साइबर सेल की टीम ने खेड़ा राठौर से गिरोह के सरगना समेत दो को किया गिरफ्तार। अखबारों में देते थे इश्तिहार। वर्ष में डेढ़ करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके थे शातिर।

न्यूज़ डेस्क (यूपी) आगरा: यूपी के आगरा में गर्लफ्रैंड बनाने के नाम पर हजारों लोगों को ठगने गिरोह के सरगना समेत दो को रेंज साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। ये महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर वे लोगों को जाल में फंसाते थे। उनसे मुलाकात कराने के बहाने खाते में रकम जमा करा लेते थे। दो वर्ष में शातिर करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। अब गिरोह के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी को दबिश चल रही है।

आइजी ए सतीश गणोश ने बताया कि बाह के सिंघावली और खेड़ा राठौर के मझटीला गांव निवासी दीवान सिंह मिलकर यह गिरोह चला रहे थे। 22 वर्षीय सचिन मिश्र हाईस्कूल फेल है। उसका एक रिश्तेदार ठगी का यह खेल खेलता था। उससे सीखकर दो वर्ष पहले उसने भी गिरोह बना लिया। भिंड के दो लड़कों को टेली कॉलर के लिए बुलाया। इनमें से एक को एक हजार और दूसरे को डेढ़ हजार रुपये देता था। सचिन और दीवान विभिन्न राज्यों में विज्ञापन एजेंसियों के माध्यम से ठगी को विज्ञापन प्रकाशित कराते थे। इसमें लिखा होता था कि एनआरआइ गर्लफ्रैंड बनाने को कॉल करें। इसमें एक नंबर दिया जाता था, जिसे टेली कॉलर रिसीव करते थे। वे कॉल करने वालों को एनआरआइ, विदेशी, इंडियन हर तरह की गर्लफ्रैंड उपलब्ध होने की जानकारी देते थे। कॉलर अगर इसके लिए तैयार होता था तो उससे पहले 1650 रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम पर खाते में जमा करा लेते थे। इसके बाद महिला से मुलाकात कराने के नाम पर होटल का किराया, टैक्सी का बिल आदि के नाम पर 15 हजार से लेकर 70 हजार रुपये तक जमा करा लेते थे। इसके बाद नंबर ब्लॉक कर देते। पुलिस को शातिरों के पास से एक डायरी मिली है। इसमें ठगी का शिकार बने ढाई से तीन हजार लोगों का लेखा-जोखा है। इसमें सभी से डेढ़ करोड़ रुपये आने का हिसाब भी है। शातिर ओडिसा से नशे का कारोबार भी कर रहे थे। इस संबंध में उनसे पूछताछ की जा रही है। इस मामले में खेड़ा राठौर थाने में गिरफ्तार और फरार शातिरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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