उत्तर प्रदेश स्थित गैर सरकार संगठन जनविकास महासभा ने आज एक ऐसे मामले का पर्दाफाश किया जिसमें पता चला है कि ग्रेटर नॉएडा में एक शिक्षण संसथान को विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित किया जा रहा है और यह संस्थान 2018 से बंद पड़ा है. इसके बावजूद लीज़ अनुबंध का उल्लंघन करते हुए संसथान के प्रबंधको ने प्राइम लोकेशन पर स्थित 42 एकड़ में फैले परिसर पर कब्ज़ा कायम किया हुआ है. यह संसथान अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी द्वारा मान्यता प्राप्त था मगर इसकी मान्यता 2018 में रद्द कर दी गयी थी जिसके बाद यहाँ पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मजबूरन दूसरे कालेजों में जाना पड़ा. इस बारे में जनविकास महासभा के अध्यक्ष श्री पंकज तिवारी से इंस्टेंटखबर ने विस्तारपूर्वक बात की।
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श्री तिवारी ने बताया कि इस मामले को लेकर जनविकास महासभा ने जनसूचना अधिकार के तहत नोएडा प्राधिकरण से विस्तार से जानकारी भी मांगी गयी है। उन्होंने कहा कि इस ऐजुकेशनल सोसाइटी के कब्ज़े में ग्रेटर नोएडा में प्राइम लोकेशन पर 42 एकड़ की ज़मीन है, जहां पहले अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान चलाया जाता था। इस संस्थान की मान्यता 2018 में रद्द कर दी गई जिसके बाद इसे बंद होना ही पड़ा और इसके सभी विद्यार्थियों को मजबूरन अन्य कॉलेजों में प्रवेश लेना पड़ा।
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जनविकास महासभा (जेवीएम) के अध्यक्ष पंकज कुमार तिवारी ने कहा यह भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए है। इस परिसर में 10 कॉलेज खोले जा सकते हैं। लेकिन यह ज़मीन बेकार खाली पड़ी जबकि प्रदेश में नए शैक्षिक इंफ्रास्ट्रक्चर की सख्त जरूरत है। ऐसा स्पष्ट नियम है जो नोएडा प्राधिकरण को यह अधिकार देता है की वह लीज़ के अंतर्गत ज़मीन को वापस ले सके और इसके अलावा प्रत्येक नियम का उल्लंघन होने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसा क्यों है हमें नहीं मालूम उन्होंने कहा।
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