रिपोर्ट – रवि जी. निगम
दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट की चुनाव आयोग को ‘बेलगाम’ नेताओं के बयानबाजी पर चुनाव आयोग के बेबस होने पर सुप्रीम फटकार, इस पर कोर्ट ने आयोग से पूछा कि क्या उसे चुनाव आयोग की सख्तियों के बारे में पता है? इस पर प्रधान न्यायाधीन ने आयोग से मंगलवार की सुबह मौजूद रहने के लिए कहा है, वहीं कोर्ट ने अली और बजरंग बली जैसे बयानों पर भी सख्त रुख अपनाया है सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसके प्रतिनिधि को पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने बताया है कि वो आचार संहिता तोड़ने वालों के खिलाफ मात्र नोटिस और एडवाइजरी जारी कर रहा है, लेकिन वह न तो किसी को अयोग्य करार दे सकता है और न किसी पार्टी की मान्यता रद्द कर सकता है।
वहीं आयोग ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई शिकायत को उनके जवाब के बाद बैन कर दिया गया है, तथा मायावती और अन्य ने कोई जवाब नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग हरकत में आया और सांप्रदायिक , अभद्र , धार्मिक भाषाओं अली और बजरंग बली जैसे शब्दों के चयन करने पर सख्ती बरतते हुये यूपी के मुख्यमंत्री योगी पर व सपा उम्मीदवार आजम खान पर ७२ घण्टे का वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती के साथ बीजेपी की उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री मेनका गाँधी को ४८ घण्टे तक आज सुबह ६:०० बजे से चुनावी भाषणबाजी / बयानबाजी करने पर बैन लगा दिया है।