दिल्ली पुलिस की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) यूनिट जुबैर मामले की जांच में जुटी है। जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जुबैर की लैपटॉप एवं मोबाइल की जांच करनी है।
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जुबैर ने अपने डिवाइस से कई कंटेंट डिलीट किए हैं। पुलिस टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार उसके डिवाइस में ऐसा क्या था, जिसे उसने नष्ट किया। घटना के संबंध में जांच टीम ने बताया कि हमें किसी ने जुबैर के एक ट्वीट पर टैग किया था जिसमें लोगों ने द्वेषपूर्ण भाषा का उपयोग किया था, यह सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक था।
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पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जुबैर के फोन की जरूरत थी लेकिन उसने फोन को फॉर्मेट किया हुआ था। इसी आधार पर उसको गिरफ्तार किया। अगर आप किसी ट्वीट को रीट्वीट करते हैं तो वे आपका विचार है। आप यह नहीं कह सकते कि उसमें क्या था, उससे होने वाली प्रतिक्रिया भी आपकी जिम्मेदारी है। आगे जांच में पता चला कि जुबैर बेंगलुरु का रहने वाला हैं। वह एक आईटी कार्यकारी के रूप में काम करता है। वर्ष 2017 में जुबैर ने प्रतीक सिन्हा के साथ मिलकर ऑल्ट न्यूज को फैक्ट चेक वेबसाइट के रूप में लॉन्च किया। फिलहाल जांच के लिये जुबैर को बेंगलुरु भी लेकर जायेंगे।
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उल्लेखनीय है कि सोमवार को मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए द्वारका स्थित आईएफएसओ के कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ में उसके ट्वीट को आपत्तिजनक पाया गया। उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ऐसा कार्य जिससे माहौल बिगडने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र माने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।