33 C
Mumbai
Saturday, May 25, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

ताइवान पर ड्रैगन की घुड़की का नहीं पड़ा कोई असर, दिया दो टूक जवाब- कोई नहीं करेंगे समझौता

ताइवान को लेकर चीन के रवैये में कोई खास परिवर्तन नहीं आया है। यह बात रविवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बयान से स्पष्ट हो गई, जिसमें उन्होंने ताइवान को इशारों में घुड़की दे डाली। कम्यूनिष्ट पार्टी मीटिंग के उद्धाटन भाषण में जिनपिंग ने स्पष्ट कहा कि ताइवान के मामले में हम कभी भी ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे का हल चीन की जनता करेगी और हम इसका शांतिपूर्ण हल निकालना चाहेंगे। वहीं दूसरी तरफ ताइवान ने भी चीन के राष्ट्रपति के बयान का करारा जवाब दिया है। ताइवान ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी संप्रभुता, आजादी और लोकतंत्र से समझौता नहीं करेगा। 

कहा-संपूर्ण एकीकरण है लक्ष्य
जिनपिंग ने अपने भाषण में कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण का ऐतिहासिक पहिया आगे चल रहा है। मातृभूमि के संपूर्ण एकीकरण का लक्ष्य जरूर हासिल किया जाएगा। उनके इस भाषण पर जमकर तालियां बजीं। गौरतलब है कि बीते दिनों अमेरिका के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से ही चीन का रुख इसको लेकर बेहद आक्रामक है। ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है, ऐसे में अमेरिका की दखलअंदाजी उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही है। नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने ताइवान के सीमाई क्षेत्रों में फाइटर प्लेंस तक उड़ाए थे। अब चीन की इन मिलिट्री गतिविधियों में कमी भले ही आई है, लेकिन इनका सिलसिला थमा नहीं है। 

बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप की बात
सत्ताधारी कम्यूनिष्ट पार्टी की बीजिंग में आयोजित कांग्रेस के उद्घाटन भाषण में जिनपिंग ने कहा कि चीन ने हमेशा ताइवान के लोगों का सम्मान किया है और उनके हितों का ख्याल रखा है। वह ताइवान में आर्थिक और सांस्कृतिक एक्सचेंज को बढ़ावा देने के पक्षधर हैं। इसी दौरान उन्होंने कहा कि ताइवान के मसले को हल करना चीन की जनता का काम है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा शांतिपूर्ण ढंग से मामले के निस्तारण के हिमायती हैं। लेकिन अगर कहीं भी ताकत के इस्तेमाल की बात आती है हम इससे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि बाहरी ताकतों का हस्तक्षेप और ताइवान की आजादी के मुट्ठी भर समर्थक हमारे निशाने पर हैं। 

ताइवान ने यह दिया जवाब
जिनपिंग के बयान पर ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से बयान आया है। इसमें कहा गया है कि ताइवान अपनी स्थिति को लेकर दृढ़ है। लोकतंत्र, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं हो होने वाला। बयान में यह भी कहा गया है कि युद्ध दोनों ही पक्षों के लिए कोई विकल्प नहीं होगा। बयान के मुताबिक यह ताइवान के लोगों की आम सहमति है। राष्ट्रपति आवास की तरफ से कहा गया है कि सुरक्षा एजेंसियां चीन में चल रही इस कांग्रेस पर करीबी निगाह रख रही थीं।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »