एक समाचार पत्र के मुताबिक नोटबंदी के दो साल बाद RBI की मिनट्स ऑफ मीटिंग से खुलासा, बोर्ड ने ठुकरा दिया था ‘कालेधन’ और ‘नकली नोट’ पर सरकारी दावा।
उससे इतर दूसरे समाचार पत्र के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक की आरटीआई को आरबीआई ने ठुकराया यह इंकार पारदर्शिता कानून के अनुच्छेद 8(1)(ए) के मद्देनजर किया है। इस अनुच्छेद के तहत किसी भी आरटीआई में वह जानकारी नहीं दी जाती है तो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हो।
वहीं आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक फैसले को देंगे चुनौती।