दरअसल, एक शख्स ने अपने ऊपर आईपीसी की धारा 304बी (दहेज हत्या) और 34 के तहत केस दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दी थी, जिसपर जस्टिस विकास महाजन की सिंगल जज बेंच ने ये फैसला सुनाया।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस शख्स की शादी साल 2020 में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद पत्नी को पता चला कि उसके पति के किसी और महिला से भी अवैध संबंध हैं और साथ ही उसे सट्टेबाजी की लत लगी हुई है। धीरे-धीरे दोनों पति-पत्नी के बीच तनाव बढ़ने लगा और पत्नी ने अपने पति के खिलाफ कई केस दर्ज करा दिए, जिनमें तलाक की याचिका भी शामिल थी।
पिछले साल अगस्त के महीने में शख्स की पत्नी ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद महिला के पिता ने शख्स के ऊपर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। हाईकोर्ट में अपनी जमानत की याचिका देते हुए शख्स ने कोर्ट के सामने कहा कि आपसी कलह के चलते वो और उसकी पत्नी अप्रैल 2021 से ही अलग रह रहे थे। साथ ही शख्स ने यह भी बताया कि उसकी पत्नी एंजाइटी और डिप्रेशन का इलाज करा रही थी।
चार्जशीट के साथ लगाए गए मेडिकल डॉक्यूमेंट देखने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि महिला का इलाज चल रहा था और वो एंजाइटी और डिप्रेशन की दवाई ले रही थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विकास महाजन ने कहा, ‘मेडिकल डॉक्यूमेंट्स देखने के बाद प्रथम दृष्टया यह पता चलता है कि महिला एंजाइटी और डिप्रेशन का इलाज करा रही थी और इलाज करने वाले डॉक्टर को उन्होंने बताया था कि दहेज का मांग का उनके तनाव या डिप्रेशन से कोई संबंध नहीं है।’ आईपीसी की धारा 304बी को विस्तार से बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दहेज हत्या के मामले में किसी महिला का उत्पीड़न उसकी मौत से ठीक पहले होना चाहिए और दहेज की मांग से जुड़ा होना चाहिए। मौत से ठीक पहले का तनाव, मौत से जुड़ा होता है। समय का अंतर, अलग-अलग केस में अलग हो सकता है। लेकिन, इतना जरूरी है कि दहेज की मांग पुरानी नहीं होनी चाहिए, हां अगर किसी विवाहित महिला की मौत की वजह लगातार उससे दहेज की मांग करना है तो आरोपी पर धारा 304बी लगाई जाएगी।’ आपको बता दें कि पुलिस को दी गई शिकायत में महिला के पिता ने आरोप लगाया था कि मौत से ठीक एक दिन पहले ही उसका दामाद, उसकी बेटी से मिला था और उसे धमकी दी थी। हालांकि, कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि महिला के पिता ने शख्स पर ये आरोप नहीं लगाया कि मौत से एक दिन पहले मिलने पर उसने उसकी बेटी से दहेज की मांग की थी। कोर्ट ने जब महिला के पिता के वकील से पूछा कि क्या उनके पास ऐसा कोई सबूत है, जिसमें ये बात हो कि शख्स ने अप्रैल 2021 के बाद से महिला से दहेज की डिमांड तो वकील ने ऐसा कोई सबूत होने से इंकार कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट ने शख्स को जमानत दे दी।