23 जुलाई से अयोध्या से शुरू हुए बसपा के ब्राह्मण सम्मेलनों के समापन पर लखनऊ में आयोजित समारोह में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा की पांचवीं बार सरकार बनने पर अब कोई नया स्मारक, संग्रहालय या मूर्तियां लगाने पर नहीं होगा बल्कि प्रदेश के विकास पर सारा ध्यान केंद्रित होगा। बसपा ने 9 अक्टूबर को काशीराम की पुण्य तिथि पर लखनऊ में बड़ा कार्यक्रम करने की घोषणा की.
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इस मौके पर मायावती यह कहना नहीं भूलीं कि अगर दूसरे समाज के लोग अपने संतों और महात्माओं की मूर्तियां लगवाना चाहेंगें तो उनका भी भी पूरा मान सम्मान किया जायेगा। ब्राह्मण सम्मलेन का समापन समारोह एक तरह से मायावती का चुनावी शंखनाद कहा जा रहा है. इस मंच से मायावती और सतीशचंद्र मिश्रा ने पांचवीं बसपा की सरकार और मायावती के मुख्यमंत्री बनने की बात कही.
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बसपा सुप्रीमो ने सबसे पहले किसानों का मुद्दा उठाया. मायावती ने किसानों के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि हमने अपनी सरकार में किसानों के लिए उचित ख़रीद दर रखी थी बल्कि बीजेपी ने तबसे एक रुपया भी नहीं दिया. मायावती ने कहा कि मैं मोहन भागवत से पूछना चाहती हूं कि हिंदुओ और मुसलमानों के पूर्वज एक हैं तो आरएसएस, बीजेपी मुसलमानों के साथ दूसरा रवैय्या क्यों अपना रही है.
मायावती ने कहा कि फरवरी से मैं लखनऊ में हूं पार्टी का काम कर रही हूं जबकि लोग प्रचार कर रहे हैं कि मैं घर से नहीं निकल रही हूं. अगर हम बड़े प्रोग्राम करेंगे तो बीजेपी हमारे कार्यकर्ता नेताओं को मुकदमे में फंसा देगी. चुनाव घोषित होने पर हम बड़े कार्यक्रम करेंगे. 9 अक्टूबर को काशीराम की पुण्य तिथि है उस दिन हम लखनऊ में बड़ा कार्यक्रम करेंगे.
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मायावती ने बसपा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, महापुरुषों के सम्मान में हमने पिछली चार सरकार में पार्क , संग्राहलय , मूर्ति थोक के भाव स्थापित किए, अब पाँचवी सरकार में उनके देख रेख का ख़याल रखेगें. मायावती ने कहा कि ज़्यादा विकास पर काम करेगें जिससे लोग कहें कि सरकार हो तो बसपा जैसी. हमारी सरकार बनने पर बाक़ी बचे वर्गों के महापुरुषों का भी सम्मान होगा. मायावती ने कहा अगर बाक़ी धर्म के लोग भी चाहते हैं कि उन्हें महापुरुषों को सम्मान दिया जाये तो उनके लिए भी जो ज़रूरत पड़ेगी किया जायेगा.