मतदान कराने के लिए रवाना हो रही पोलिंग पार्टियां।
छिबरामऊ/सौरिख। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान कराने केंद्रों से पोलिंग पार्टियां रवाना करने का काम देर शाम तक चला। सभी मतदान केंद्रों पर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी केंद्रों पर पोलिंग पार्टियां पहुंच गई हैं।
रविवार सुबह से ही कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में अधिकारियों-कर्मचारियों का पहुंचना शुरू हो गया। दोपहर 11 बजे तक रवानगी स्थल पर कर्मचारियों की भीड़ से मेले जैसा माहौल बन गया। इससे दिन भर अफरातफरी का माहौल रहा। एसडीएम देवेश गुप्ता ने बताया कि इस बार प्रत्येक बूथ पर रखी एक ही मतपेटी में ही मतदाताओं को ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य पद का मतपत्र डालना होगा। प्रत्येक पद के लिए मतपत्र का अलग-अलग रंग है। बूथों पर वोटिंग के बाद सभी मतपेटियां तय स्थल पर बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखी जाएंगी।
अनुपस्थित कर्मचारियों पर दर्ज कराएंगे मुकदमा
निर्वाचन प्रक्रिया में अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। एसडीएम देवेश गुप्ता ने बताया कि अभी तक 40 कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने की पुष्टि हो चुकी है। रात तक संख्या और बढ़ने की उम्मीद हैं। अनुपस्थिति कर्मचारियों के स्थान पर रिजर्व में रखे गए कर्मियों की तैनाती की जा रही है।
80 वाहनों से भेजी गई 315 पोलिंग पार्टियां
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कृषि उत्पादन मंडी समिति से 80 वाहनों से 315 पोलिंग पार्टियों को बूथों तक रवाना किया गया। सौरिख में गंगा सिंह महाविद्यालय में बनाए गए मतगणना केंद्र पर कोरोना गाइड लाइन की दिन भर धज्जियां उड़ती रहीं। यहां से 54 वाहनों से 239 पोलिंग पार्टियां रवाना हुईं। सोमवार की सुबह सात बजे से जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी, प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू होगी। आपात स्थिति के लिए 24 पोलिंग पार्टियों को रिजर्व में रखा गया है।
इनसेट….
कोरोना संक्रमित की भी नहीं कटी ड्यूटी
छिबरामऊ एवं सौरिख में निर्वाचन सामग्री वितरण के दौरान दिन भर कर्मचारी ड्यूटी कटवाने के लिए जुगत भिड़ाते रहे। भीड़ के चलते काउंटर पर कर्मचारी एक दूसरे के ऊपर चढ़े जा रहे थे। हसेरन ब्लाक में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात कोरोना संक्रमित भी लोग के बीच भी ड्यूटी कटवाने के लिए मौजूद रहे। बता दें कि 17 अप्रैल को उनकी जांच रिपोर्ट संक्रमित आई थी। उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों से ड्यूटी कटवाने को प्रयास किए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।