मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान संपन्न होने बाद ईवीएम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो जारी किए हैं, जिनमें वोटिंग मशीनों को बदलने की कोशिशें की जा रही हैं।
इस बीच, चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि भोपाल के जिस स्ट्रांग रूम में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम रखी गई थी, वहां शुक्रवार को अचानक बिजली जाने की वजह से सीसीटीवी कैमरे क़रीब एक घंटे तक बंद रहे।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक़, आयोग ने यह भी कहा है कि मध्य प्रदेश के सागर में मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम को जमा करने के मामले में एक अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्यवाही की गई है। आरोप है कि अधिकारी ने वोटिंग के दो दिन बाद तक ईवीएम अपने पास रखी हुई थी।
चुनाव आयोग ने कहा, ‘भोपाल कलेक्टर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 30 नवंबर को बिजली जाने की वजह से स्ट्रांग रूम के बाहर लगे सीसीटीव कैमरे और एलईडी डिस्प्ले सुबह 8.19 से लेकर 9.35 तक काम नहीं कर रहे थे। इसकी वजह से इतनी देर तक रिकॉर्डिंग नहीं की जा सकी थी।
इंडिया टुडे के अनुसार, ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ होने की वजह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शुक्रवार से पुराने भोपाल जेल में स्ट्रांग रुम की निगरानी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे 11 दिसंबर तक इवीएम पर नज़र बनाए रखें।
बता दें कि 11 दिसंबर को चुनाव के नतीजें आएंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश में मतदान ख़त्म होने के बाद ईवीएम को लेकर उपजे विवाद को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की सुरक्षा के लिए चौकसी बढ़ाने की मांग की है.
मध्य प्रदेश के खुरई विधानसभा क्षेत्र से बिना नम्बर प्लेट के वाहनों से काफ़ी संख्या में सागर पहुंचाई गईं संदिग्ध वोटिंग मशीनों को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। बीते 28 नवंबर को मतदान ख़त्म होने के 48 घंटे बाद यानी 30 नवंबर को ये ईवीएम सागर पहुंचाई गई थीं।