— रवि जी. निगम
मुंबई – फुट ओवर ब्रिज गिरने पर बीएमसी ने कार्रवाई करते हुए पुल निर्माण से जुड़े 2 अधििकारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
बीएमसी प्रमुख अजय मेहता ने सीएसटी स्टेशन से जुड़े फुट ओवर ब्रिज के ढहने की वजह की जांच शुरू कर दी है। बीएमसी की प्राथमिक रिपोर्ट में सामने आया है कि ‘यह मानने का एक बड़ा कारण मौजूद है कि स्ट्रक्चर ऑडिट को एक गैर-जिम्मेदार और लापरवाही भरे तरीके से आयोजित किया गया। अगर ऑडिट ठीक से किया गया होता तो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बचा जा सकता था।’ इस मामले में कार्यवाही करते हुये दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले में बीएमसी ने कार्यकारी अभियंता एआर पाटिल को निलंबित करने के आदेश दिये हैं, जिन्होंने 2017-18 में स्ट्रक्चर ऑडिट के काम की निगरानी की थी और इसके अलावा सहायक अभियंता एसएफ काकुल्ते को भी निलंबित कर दिया गया जिन्होने 2013-14 में मरम्मत कार्य का पर्यवेक्षण किया था, साथ ही तीन अन्य को निलंबित कर पूर्ण रूप से विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
लेकिन सवाल तो ये उठता है कि निलंबन , और विभागीय जाँच से उन छः मृतकों के परिजनों को झ्तने मात्र से न्याय मिल गया या मिल जायेगा , पुलिस में मुकदमा दर्ज करने का क्या मतलब हुआ , उन्हे गिरफ्तार कर जेल क्यों नही भेजा गया ? सही मायने में जाँच का काम तो न्यायपालिका का था ? पहले गेंद एक दूसरे के पाले डालने की नौटंकी , उसके बाद आम चुनाव में हानि और लाभ के चलते छोटी मछली बीएमसी को ही सिर्फ बलि का बकरा बनाते हुये मात्र खानापूर्ति की कार्यवाही ?
आखिर कब तक जनता बनेगी बेवकूफ ? – मानवाधिकार अभिव्यक्ति आपकी अभिव्यक्ति ।