रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
देश – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ में एक रैली के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने ग्रैजुएशन का कपड़ा पहनकर पकौड़े बेचते हुए बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह ‘मोदीजी का पकौड़ा’है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ में एक चुनावी रैली के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने ग्रैजुएशन गाउन (ग्रैजुएशन का कपड़ा) पहनकर पकौड़े बेचते हुए बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह ‘मोदीजी का पकौड़ा’है। हालांकि, प्रदर्शनकारी अपने साथ लाए पकौड़े ‘बेचने’ में असफल रहे। समाचार चैनल एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मोदी का कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। यह विरोध प्रदर्शन पिछले साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी द्वारा रोज़गार के मुद्दे पर दिए गए विवादास्पद टिप्पणी के जवाब में आयोजित किया गया था।
भारत के विपक्षी दलों का आरोप है कि मोदी सरकार में बेरोज़गारी काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। इस दावे को खारिज करते हुए मोदी ने कहा था, ‘अगर पकौड़ा बेचने वाला व्यक्ति एक दिन में 200 रुपये कमाता है, तो क्या इसे रोज़गार माना जाएगा या नहीं?’ नरेंद्र मोदी के इस बयान को लेकर काफ़ी आलोचना हुई थी। विरोध प्रदर्शन के एक वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी ‘इंजीनियरों द्वारा बनाया गया पकौड़ा’ और ‘बीए और एलएलबी पकौड़ा’ जैसे नारे लगा रहे थे। हालांकि पुलिस ने जल्द ही ऐसे लोगों को हिरासत में ले लिया, इनमें से एक महिला काला चश्मा और ऑक्सफोर्ड की टोपी पहनकर मोदी सरकार की उपलब्धियों की घोर आलोचना कर रही थी। प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘मोदीजी ने हमें अपने पकौड़ा रोज़गार योजना के ज़रिए नई नौकरियां दी हैं, इसलिए हम पकौड़े के साथ उनकी प्रशंसा कर रहे हैं, आखिरकार, हमारे शिक्षित युवाओं के लिए जीवन यापन करने के लिए इससे बेहतर कोई तरीक़ा नहीं है।’
याद रहे कि इससे पहले पिछले साल मोदी की बेंगलुरू में एक रैली के दौरान कॉलेज के कुछ छात्रों के एक समूह ने पकौड़ा बेचा था, हालांकि रैली से कुछ घंटे पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को खदेड़ दिया था। नौकरी सृजन को लेकर नरेंद्र मोदी के पकौड़ा संबंधी बयान के विरोध में छात्रों ने उनके रैली स्थल के निकट पकौड़ा बेचा था। छात्रों ने वहां आने-जाने वालों तथा रैली में जा रहे लोगों को ‘मोदी पकौड़ा’और ‘अमित शाह पकौड़ा’बेचा था।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने साल 2014 के घोषणापत्र में यह वादा किया था कि वह सत्ता में आने के बाद हर साल दो करोड़ लोगों को रोज़गार देंगे, हालांकि मोदी सरकार द्वारा रोज़गार नहीं देने को लेकर उनकी काफ़ी आलोचना हो रही है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि यह कितना दुखद है कि नरेंद्र मोदी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं लॉन्च करने के बाद देश के युवाओं से रोज़गार के लिए पकौड़ा बेचने को कह रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर भारत का हर नागरिक पकौड़ा ही बेचेगा तो उसे खाएगा कौन?