चुनाव आयोग का स्लोगन “कोई मतदाता न छूटे” धरातल पर दूर की कौड़ी के समान, इस व्यथा से खुद “मानवाधिकार अभिव्यक्ति” के संपादक व उनका परिवार भी अछूता नही रहा ये दौर ही कुछ ऐसा है। मुर्दों के नाम लिस्ट में जिंदों के नाम गायब ? फिर यूपी हो महाराष्ट्र सत्ताधारी तो एक ही हैं। -”मानवाधिकार अभिव्यक्ति”
आदर्श नगर पंचायत (सिकन्दरपुर, बलिया यू०पी०)के चुनाव मे वोटर लिस्ट मे जमकर धांधली हुयी है,बालुपुर रोड,मनियर रोड,बाजार रोड के बहुत सारे मतदाताओं के पास वोटर कार्ड भी है और आधार भी,पर वोटर लिस्ट से नाम गायब है,पुरे पुरे परिवार का नाम ही वोटर लिस्ट से गायब है,ऐसे सैकड़ो परिवार है,क्या यही चुनाव आयोग और सरकार की पारदर्शिता है,आखिर ये सब किसके इशारे पर हुआ है और हो रहा है,क्या सच मायने मे यही लोकतंत्र है जहा पर वोटर कार्ड होते हुये भी जनता अपने मताधिकार का प्रयोग नही कर सकती,आखिर वोटरो के साथ राजनीतिकरण क्यो हो रहा है,उन्हे उनके अधिकारों से क्यो वंचित किया जा रहा है,यह चुनाव आयोग और सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार सरकारी सिस्टम के अंदर अपनी पैठ बनाये कुछ प्रत्याशीयों ने अपने विरोधी वोटरो का नाम कटवाने का काम किया है,इस बारे मे हमने पुर्व नगर पंचायत के अध्यक्षा और इस चुनाव मे निर्दलीय प्रत्याशी संजय जयसवाल से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा की अब कुछ नही हो सकता।
वोटर लिस्ट से नदारद परिवारो ने चुनाव आयोग और सरकार से मांग की है कि वो इस प्रकरण की जाच कराये और दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो।
रिपोर्ट-विनोद कुमार गुप्ता